हेरिटेज लुक देने के लिए शहर के बाज़ारो को सफ़ेद रंग में रंगने की तैयारी
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत उदयपुर के पुराने शहर के पांच बाज़ारो को हेरिटेज स्वरुप देने के लिए मकानों और दुकानों को सफ़ेद रंग में रंगा जा रहा है। हेरिटेज संरक्षण और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत उदयपुर को जयपुर (पिंक सिटी) और जोधपुर (ब्लू सिटी) की तर्ज पर लेकसिटी को 'वाइट सिटी' बनाई जाएगी।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत उदयपुर के पुराने शहर के पांच बाज़ारो को हेरिटेज स्वरुप देने के लिए मकानों और दुकानों को सफ़ेद रंग में रंगा जा रहा है। हेरिटेज संरक्षण और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत उदयपुर को जयपुर (पिंक सिटी) और जोधपुर (ब्लू सिटी) की तर्ज पर लेकसिटी को ‘वाइट सिटी‘ बनाई जाएगी।
पूरे शहर को वाइट सिटी का स्वरुप देने के लिए प्रयास भी शुरू हो चुके है। इसकी शुरुआत पुराने शहर के पांच बाजारों जगदीश चौक से घंटाघर बाजार, बड़ा बाजार, मोती चौहट्टा बाजार, जगदीश चौक से गणगौर घाट बाजार, जगदीश चौक से सिटी पैलेस बाजार से की गई है। स्मार्ट सिटी के तहत पुराने शहर के पांच बाजारों को हैरिटेज स्वरूप देने के लिए सरकार ने पांच करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट पास किया है।
नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से शहर के सरकारी विभागों और नगर निगम की निर्माण समिति को आदेश भेजे जा रहे हैं कि उनके अधीन कोई सरकारी भवन बनता है या उनका रंगरोगन किया जाता है तो उसका कलर व्हाइट ही हो इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए। साथ ही नगर निगम की भवन अनुमति की शर्तों में भी इस बात को जोड़ा जा रहा है कि निर्माण के बाद मकान या बिल्डिंग का कलर सफेद ही किया जाए।
पुराने शहर के इन पांचों बाजारों को सफ़ेद कलर में रंगने के साथ-साथ हर दुकान का साइन बोर्ड भी एक जैसा होगा और उसमें हैरिटेज स्वरूप का ध्यान रखा जाएगा। एक जैसे साइन बोर्ड में फर्म का नाम ही अंकित होगा, अन्य जानकारी नहीं लिखी जाएगी।
घंटाघर और जगदीश चौक क्षेत्र के लोग और व्यापारी भी इस प्रोजेक्ट में अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं। घंटाघर के आसपास तेजी से कार्य चल रहा है। इस कार्य में दुकानदारों या मकान मालिक से कोई राशि नहीं ली जा रही है, स्मार्ट सिटी के बजट से यह खर्च वहन किया जा रहा है। हालाँकि कई व्यापारियों ने कलर की क्वालिटी और सुस्त चाल से नाराज़गी भी जताई है।
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