प्रो. शूरवीरसिंह भाणावत एवं मोनिका सोनी को सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र पुरस्कार
प्रो. शूरवीरसिंह भाणावत एवं उनकी शोधार्थी एसआरएफ मोनिका सोनी को उनके शोधपत्र ‘‘एकीकृत प्रतिवेदन ढांचे में छह पूंजियों का प्रकटीकरण स्वरूप : चाइनीज, दक्षिणी अफ्रीका की कंपनियां’’ पर सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ द्वारा 5 एवं 6 दिसंबर को भारतीय लेखांकन परिषद के 38वें अखिल भारतीय कांफ्रेंस तथा लेखांकन शिक्षा एवं अनुसंधान पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार में मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय उदयपुर के लेखा एवं सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीरसिंह भाणावत एवं उनकी शोधार्थी एसआरएफ मोनिका सोनी को उनके शोधपत्र ‘‘एकीकृत प्रतिवेदन ढांचे में छह पूंजियों का प्रकटीकरण स्वरूप : चाइनीज, दक्षिणी अफ्रीका की कंपनियां’’ पर सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
प्रो. भाणावत ने अपने शोधपत्र में बताया कि कंपनियों को अपने वार्षिक एकीकृत प्रतिवेदन में वित्तीय, निर्माणी, मानवीय, बौद्धिक, सामाजिक एवं प्राकृतिक पूंजियों का उल्लेख करना चाहिए। इन पूंजियों को मापने के लिए मुख्य निष्पादक संकेतक (केपीआई) क्या हो सकते हैं तथा ये कैसे कंपनियों के मूल्य संवर्धन में सहायक हो सकते हैं। उन्होंंने दक्षिणी अफ्रीका की दस सर्वश्रेष्ठ कंपनियों पर अध्ययन कर यह बताने का प्रयास किया कि कैसे इन छह पूंजियों का वार्षिक प्रतिवेदन में प्रकटीकरण हो सकता है।
अखिल भारतीय लेखांकन परिषद के महासचिव प्रो. जी. सोरल ने बताया कि प्रो. शूरवीरसिंह भाणावत को चार बार सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र पुरस्कार से नवाजा गया है। इसके पहले 2006 (नई दिल्ली), 2013 (राजकोट), 2014 (लखनऊ) में सम्मानति किया गया है। परिणामस्वरूप सर्वसम्मति से प्रो. भाणावत को राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद में मनोनीत किया गया है।
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