प्रो. नंद चतुर्वेदी पंचतत्व में विलीन
हिन्दी काव्यधारा एवं आलोचना के सशक्त साहित्य साधक एवं ख्यात कवि प्रो. नंद चतुर्वेदी के निधन पर अपरान्ह दो बजे उनके निवास से शवयात्रा प्रारंभ कर अहिंसापुरी स्थित मोक्षधाम में उनकी दाहक्रिया सम्पन्न हुई।
हिन्दी काव्यधारा एवं आलोचना के सशक्त साहित्य साधक एवं ख्यात कवि प्रो. नंद चतुर्वेदी के निधन पर अपरान्ह दो बजे उनके निवास से शवयात्रा प्रारंभ कर अहिंसापुरी स्थित मोक्षधाम में उनकी दाहक्रिया सम्पन्न हुई।
शवयात्रा में अनेक ख्यातनाम राजनेता, साहित्यकार, समाजसेवी, शिक्षाविद् एवं प्रबुद्ध व्यक्ति सम्मिलित हुए। इनमें मुख्यत: राज्य के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, दलपत सुराणा, डॉ. राजेन्द्र मोहन भटनागर, डॉ. महेन्द्र भानावत, कमर मेवाड़ी, डॉ. के.के. शर्मा, डॉ. माधव हाड़ा, डॉ. देव कोठारी, डॉ. लक्ष्मीनारायण नंदवाना, प्रो. सदाशिव क्षोत्रिय, डॉ. हेमेन्द्र चंडालिया, प्रो. वेददान सुधीर, डॉ. जयप्रकाश ज्योतिपुंज, डॉ. देवेन्द्र इंद्रेश, किशन दाधीच, विष्णु शर्मा हितैषी, आबिद अदीब, डॉ. प्रमोद भट्ट, ए.एल दमामी आदि ने अपने-अपने समूह में नंदबाबू के साहित्य समाज और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान की सराहना की।
नंद बाबू का उल्लेखनीय पक्ष यह रहा कि उन्होंने पूर्ववर्ती, समानधर्मी एवं नवलेखकों से निरंतर व्यापक संपर्क और संवाद बनाये रखा तथा हिन्दी, ब्रज और आंचलिक भाषाओं को समृद्ध बनाने के लिए लगातार सृजन की प्रेरणा दी और यह आवश्यकता महसूस की कि स्थानीय समृद्ध वाचिक एवं लिखित साहित्य के योगदान को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए विश्वविद्यालयों में स्थानीयता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे न केवल हिन्दी का गौरव वर्धन होगा बल्कि आंचलिक भाषाएं भी राष्ट्रीयता के गौरव को पाने में सक्षम हो सकेंगी।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal