समस्या निराकरण शिविर का आयोजन
‘‘रीको के सभी इण्डस्ट्रीय एरिया में रिपेयर एवं मेन्टेनेन्स के कार्यो के लिये उद्यमी रीको के भरोसे है और रीको के अधिकारी अपने ठेकेदारों के भरोसे है। ठेकेदार को संतोष प्रद कार्य नहीं करने पर भी बिल भुगतान हो जाता है। अतः टेण्डर में यह शर्त आवश्यक रूप से जोड़ी जाये कि जब तक उक्त औद्योगिक क्षेत्र की एसोसिएशन द्वारा कार्य का सत्यापन नहीं कर दिया जाता, ठेकेदार को पेमेन्ट जारी नहीं किया जायेगा।’’
उपरोक्त सुझाव यूसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी ने समस्या निराकरण शिविर के दौरान दिया।
‘‘रीको के सभी इण्डस्ट्रीय एरिया में रिपेयर एवं मेन्टेनेन्स के कार्यो के लिये उद्यमी रीको के भरोसे है और रीको के अधिकारी अपने ठेकेदारों के भरोसे है। ठेकेदार को संतोष प्रद कार्य नहीं करने पर भी बिल भुगतान हो जाता है। अतः टेण्डर में यह शर्त आवश्यक रूप से जोड़ी जाये कि जब तक उक्त औद्योगिक क्षेत्र की एसोसिएशन द्वारा कार्य का सत्यापन नहीं कर दिया जाता, ठेकेदार को पेमेन्ट जारी नहीं किया जायेगा।’’ उपरोक्त सुझाव यूसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी ने समस्या निराकरण शिविर के दौरान दिया।
उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा चेम्बर भवन के सभागार में अपरान्ह 4 बजे औद्योगिक एवं व्यावसायिक समस्या निराकरण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में सभी प्रमुख सरकारी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी द्वारा शिविर का संचालन करते हुए सबसे पहले रीको से सम्बन्धित समस्याओं को प्रस्तुत किया गया। गुडली चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के अध्यक्ष श्री एस.एल. चेलावत द्वारा रखी गई समस्याओं के संदर्भ में यह निर्णय हुआ कि बकाया कामों की सूची बनाकर कनिष्ठ अभियन्ता, वरिष्ठ क्षेत्रिय अधिकारी एवं गुडली चेम्बर के पदाधिकारी द्वारा संयुक्त मौका मुआयना कर बकाया कामों को निपटाया जायेगा। श्री चेलावत ने उद्योगो के पानी के बिल ज्यादा आने के कारण उद्यमियों द्वारा नल के कनेक्शन कटवाने का मामला उठाया। श्री चेलावत ने बताया कि जिला स्तरीय औद्योगिक सलाहकार समिति की बैठक में निर्णय हो जाने के बाद भी जल के क्लोरीनीकरण का काम लम्बित हैं।
रीको के वरिष्ठ क्षेत्रीय अधिकारी श्री अजय पण्ड्या ने सुझाव दिया कि प्राप्त समस्याएं रीको को एडवांस में ई-मेल द्वारा भिजवाये जाने पर अधिकारी पुरी तैयारी के साथ कैम्प में उपस्थित होंगे। श्री चौधरी ने भविष्य में सभी विभागों को यूसीसीआई द्वारा समस्याएं एडवांस में ई-मेल पर भिजवाये जाने का आश्वासन दिया।
मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र में रोड़ रिपेयर के संदर्भ में रीको द्वारा जानकारी दी गई कि कुल स्वीकृत 12 किलोमिटर रिपेयरिंग वर्क में से 7 किलोमिटर रोड़ रिपेयरिंग कार्य हेतु टेण्डर हो गये है। 5 किलोमिटर शेष बची सड़कों पर पेच वर्क करवाये जायेंगे। संपर्क सड़कों के अलावा मादड़ी में प्रवेश के मुख्य मार्गो तथा अन्य प्रमुख सड़कों पर रिपेयरिंग कार्य यूसीसीआई एवं रीको के संयुक्त सर्वे के उपरान्त तय किये जायेंगे। फिलहाल 5-5 मिटर के 50 स्थानों पर पेचवर्क करवाये जायेंगे। कुल 400 मिटर पेचवर्क कार्य हेतु रीको द्वारा 32 लाख रूपये प्रति किलोमिटर का बजट तय किया गया है।
मेवाड़ पॉलिटेक्स एवं वॉलकेम इंडिया के प्रतिनिधियों द्वारा जल निकासी नालियों के डेमेज होने के कारण सड़क पर पानी भरने की समस्या रखी गई। रीको द्वारा जानकारी दी गई कि मेवाड़ पॉलिटेक वाली पुरी रोड़ नई बनाई जायेगी। मेवाड़ पॉलिटेक्स द्वारा सड़क के दोनो ओर पौधारोपण कराये जाने की जिम्मेदारी स्वीकार किये जाने के संदर्भ में रीको के अधिकारियों ने कहा कि गंदगी करने वाली इण्डस्ट्री को रोकने की जिम्मेदारी भी क्षेत्र के उद्योगो को उठानी चाहिये।
मादड़ी के उद्यमियों द्वारा जानकारी दी गई कि दीपावली के बाद से कचरा एकत्रित करने वाला ठेकेदार नहीं आया है। रीको द्वारा जानकारी दी गई कि उक्त ठेकेदार के 3 माह की अवधि 31 अक्टूबर को पूरी हो गई। श्री पण्ड्या ने बताया कि रीको द्वारा 1 लाख रूपये में 3 माह का टेण्डर जारी किया गया था। जिसमें ठेकेदार को वेस्ट कलेक्ट कर बलिचा में डालना निर्धारित किया गया था। मुख्यालय द्वारा इस कार्य हेतु फिलहाल 1 लाख रूपये मंजूर किये जाने के कारण 3 माह के लिये ही टेण्डर जारी किया जा रहा है। इस माह नया टेण्डर होगा। यूसीसीआई ने मुख्यालय से पुरे वर्ष के लिये बजट मंजूरी प्राप्त किये जाने का सुझाव रखा। इसके साथ ही साल में 4 बार झाडि़यों की साफ सफाई कराये जाने हेतु टेण्डर निकाले जाने का भी सुझाव रखा।
शिविर में उद्यमियों द्वारा शिकायत रखी गई कि जल सप्लाई की पाईप लाईनों में लिकेज होने से तथा सड़क का लेवल नीचा होने एवं नालियां उंची होने से सड़क पर पानी भर जाता है। इसका कारण यह है कि पेचवर्क में सड़क के लेवल का ध्यान नहीं रखा जाता एवं ठेकेदार द्वारा समतल रोड़ बनाने के बजाय स्लोप वाली रोड़ बनाने से सड़क पर पानी भर जाता है। नालियां बनाने वाला अलग ठेकेदार होने से दोनो ठेकेदारों में कोई तालमेल नहीं होता है।
कार्य का सत्यापन यूसीसीआई से नहीं करवाने की समस्या के संदर्भ में रीको के अधिकारियों का कहना था कि ऑन लाईन टेण्डर के सिस्टम में ऐसी कोई शर्त नहीं होने के कारण ठेकेदार का भुगतान नहीं रोक सकते। इस पर यूसीसीआई ने सीधे जयपुर मुख्यालय में संपर्क कर उक्त शर्त ऑन लाईन टेण्डर में रखे जाने की बात कही। जिन उद्योगो के आसपास कचरा एवं लावारिस वाहन पड़े है। उन्हें उठवाने की व्यवस्था हेतु भी रीको द्वारा व्यवस्था की जायेगी। इस हेतु जेसीबी के द्वारा कचरा उठवा कर फिकवाने के लिये जनवरी 2017 तक रीको द्वारा टेण्डर जारी किये जायेंगे।
शिविर में एवीवीएनएल, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, बीएसएनएल, वित्त निगम, यूआईटी आदि विभागों से सम्बन्धित समस्याओं पर भी चर्चा हुई एवं निर्णय लिये गये। शिविर के आरंभ में अध्यक्ष श्री वी.पी. राठी ने सभी का स्वागत किया। मानद महासचिव श्री जतिन नागौरी ने आभार व्यक्त किया।
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