वर्ल्ड स्चिज़ोफ्रेनिया दिवस पर आरएनटी में कार्यक्रम


वर्ल्ड स्चिज़ोफ्रेनिया दिवस पर आरएनटी में कार्यक्रम

आरएनटी मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग की ओर की से शुक्रवार को वर्ल्ड स्चिज़ोफ्रेनिया दिवस मनाया गया। मनोचिकित्सा मे आयोजित हुये इस कार्यक्रम मे स्चिज़ोफ्रेनिया रोग से सम्बधित जानकरीयां दी गई।

 

वर्ल्ड स्चिज़ोफ्रेनिया दिवस पर आरएनटी में कार्यक्रम

आरएनटी मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग की ओर की से शुक्रवार को वर्ल्ड स्चिज़ोफ्रेनिया दिवस मनाया गया। मनोचिकित्सा मे आयोजित हुये इस कार्यक्रम मे स्चिज़ोफ्रेनिया रोग से सम्बधित जानकरीयां दी गई।

मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष सुशील खेराडा ने बताया स्चिज़ोफ्रेनिया दिवस को देश के सभी जगहो पर इस बीमारी के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। भारत मे करीब 1 करोड लोग इस रोग से ग्रसित हैं।

कार्यक्रम के दौरान खेराडा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बीमारी को काफी गंभीर माना जाता है। इस रोग मे पीडित के परिजन उसे अस्पताल लाने के बजाय देवी-देवताओ का प्रकोप मानकर उसे गंभीरता से नहीं लेते हैं।

स्चिज़ोफ्रेनिया एक मानसिक विकृति है जिसे लोग सामान्य तौर पर पागलपन समझते है। आमतौर पर लोग इस बीमारी मे अंधविश्वासों को बढावा देते हुए तांत्रिको पर ज्यादा विश्वास करते हैं।

इस बीमारी का मुख्य कारण चिकित्सकों ने तनाव को बताया है। यह रोग कई बार आनुवाशिंक व पर्यावरणीय कराण भी हो जाता है। इस रोग का सही समय पर उचित चिकित्सकीय परामर्श से इलाज सम्भव है।

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