बलात्कार पीडिता की मृत्यु पर जनता में आक्रोश


बलात्कार पीडिता की मृत्यु पर जनता में आक्रोश

दिल्ली में बीते 16 दिसंबर को चलती बस में छह लोगों ने 23 साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार करने के साथ ही उसके साथ हैवानियत का व्यवहार किया था। करीब एक पखवाड़े तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने के बाद शनिवार को इस पीड़िता ने तड़के सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस दुखद घटना के बाद एक बार फिर से पुरे देश में दुख व आक्रोश की लहर फैलती नजर आ रही है।

 

बलात्कार पीडिता की मृत्यु पर जनता में आक्रोश

दिल्ली में बीते 16 दिसंबर को चलती बस में छह लोगों ने 23 साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार करने के साथ ही उसके साथ हैवानियत का व्यवहार किया था। करीब एक पखवाड़े तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने के बाद शनिवार को इस पीड़िता ने तड़के सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस दुखद घटना के बाद एक बार फिर से पुरे देश में दुख व आक्रोश की लहर फैलती नजर आ रही है।

दिल्ली में दरिंदगी का शिकार बनी छात्रा 13 दिनों तक मौत से जंग लड़ने के बाद आखिरकार हार गई व बीती रात भारतीय समय के मुताबिक करीब 2 बजे उसने सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में दम तोड़ दिया। 27 दिसंबर को सुबह जब गैंगरेप पीड़िता को इलाज के लिए सिंगापुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तो पीड़िता के घरवालों के साथ – साथ लोगों में भी उम्मीद जगी थी कि सिंगापुर से लडकी नई जिंदगी के साथ लौट पाएगी, परन्तु बीती रात सिंगापुर से जो खबर आई उससे भारतवर्ष में दुःख की लहर दौड़ गई।

बलात्कार पीडिता की मृत्यु पर जनता में आक्रोश

पुरे देश के साथ-साथ उदयपुर के शहरवासियों की नम आँखों में भी आज आक्रोश नजर आया। लोगो ने पुतले फूंके, टायर जलाए और कहीं कैंडल्स जलाकर श्रधांजली देते हुए बलात्कारियो को फांसी देने की मांग कि।

आज शिव दल मेवाड व मुस्लिम महासभा ने सूरजपोल, कोर्ट चोराहे पर बलात्कारियों का पुतला जलाया तथा लडकी को न्याय दिलवाने के नारे लगाए। प्रदर्शन करते लोगो का सिर्फ यही कहना है कि भले संविधान का संशोधन करना पड़े पर बलात्कारियो को फांसी होनी चाहिए। लोगों से बात करने पर सबके अलग-अलग सुझाव थे, परन्तु इनका मकसद बलात्कारियो को मौत की सजा दिलवाना था।

बलात्कार पीडिता की मृत्यु पर जनता में आक्रोश

छात्रा कि मृत्यु पर सभापति रजनी डांगी ने शोक व्यक्त किया तथा भा.ज.पा कार्यालय पर मौन शोक सभा रखी, और उदयपुर कि महिलाओ की सुरक्षा पर विचार किया।

शिव दल मेवाड के अध्यक्ष मनीष मेहता ने आक्रोश जताते हुए प्रशासन से महिलाओं कि सुरक्षा की मांग करते हुए कहा की अगर प्रशासन नहीं जागा तो उदयपुर भी दूसरा दिल्ली बनने वाला है। साथ ही आरोप लगाया कि सरकार ने अपना पल्ला झाड़ने के लिए पीडिता को सिंगापूर भेजा। मेहता का कहना है कि पीडिता ने भारत में ही दम तोड़ दिया था, बस जनता को बहलाने के लिए सरकार ने यह खेल खेला है।

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महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष चन्दा सुहालका ने कहा कि पीडिता सभी महिलाओं के लिए हिम्मत की मिसाल बनी थी। सुहालका ने कहा कि “अब सरकार तो कान में तेल डालकर बैठी है, हम सभी को मिल देश में जनता का कानून लागु करना चहिए, जहाँ इस तह का अपराध करने वाले के लिए सिर्फ मौत की सजा हो”।

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