गिर्वा पंचायत मेले में जनप्रतिनिधियों ने बताई शिक्षा की हकीकत
गिर्वा पंचायत समिति के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, जहाँ हैं उनमें से कई जगह पढ़ाई के प्रति लापरवाही है। उदयपुर जि़ला व सम्भागीय मुख्यालय के पास के गाँवों में यह स्थिति है तो दूरस्थ गाँवों के हाल स्वतः ही समझे जा सकते हैं।
गिर्वा पंचायत समिति के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, जहाँ हैं उनमें से कई जगह पढ़ाई के प्रति लापरवाही है। उदयपुर जि़ला व सम्भागीय मुख्यालय के पास के गाँवों में यह स्थिति है तो दूरस्थ गाँवों के हाल स्वतः ही समझे जा सकते हैं।
शिक्षा व्यवस्था की यह हकीकत मंगलवार को गिर्वा पंचायत समिति सभागार में विद्या भवन स्थानीय स्वशासन एवं उत्तरदायी नागरिकता संस्थान की ओर से आयोजित पंचायत मेले में जनप्रतिनिधियों ने उजागर की।
खुली चर्चा में पई की वार्ड पंच देवली बाई ने बताया कि केमरीफला के शिक्षक हफ्ते में एक-दो बार आते हैं, पडुणा के वार्ड पंच तुलाजी ने बताया कि जाबला में शिक्षक है ही नहीं, बाराँपाल के वार्ड पंच संतोष ने उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था पर असंतोष जताया, वार्ड पंच भूरीलाल ने बोरी में ख़राब शिक्षण के साथ ही पेयजल की समस्या भी बताई।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी वीरेन्द्र सिंह यादव ने जनप्रतिनिधियों से विद्यालय का नियमित अवलोकन कर लिखित में शिकायत दर्ज कराने तथा प्रवेशोत्सव में अधिकाधिक अभिभावकों को प्रेरित करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया विद्यालय के शौचालय में सफाई के लिए प्रतिमाह रु.500 एस.एम.सी. के खाते में जमा किए जाते हैं। असामाजिक तत्वों द्वारा शौचालयों को ख़राब करने से रोकने के लिए सावचेत रहने की ज़रूरत है।

प्रगति प्रसार अधिकारी जीवन सिंह बडाला ने बताया कि ग्राम पंचायत की महीने की दो बैठकों का भत्ता रु.200 है। उन्होंने टाडा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में पेसा एक्ट के तहत राजस्व गाँववार ग्राम सभायें करने का आग्रह किया।
विकास अधिकारी जे.पी. बंसल ने खेतों में समतलीकरण एवं अन्य कृषि कार्यों के लिए दी जा रही सहायता के बारे में बताया। वन भूमि के पट्टे लम्बित होने पर उन्होंने कहा कि काग़ज़ात पूरे और गवाही सही होनी चाहिए। बड़ी उन्दरी की वार्ड पंच सविता मीणा ने मेट द्वारा ग़लत हाज़री भरने तथा पई के वार्डपंच सरदारा भगोरा ने हैण्डपम्प दुरुस्त नहीं होने की शिकायत की। विकास अधिकारी ने जानकारी लेकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
मेले के तहत महिला सम्मेलन में महिला जनप्रतिनिधियों ने पंचायत के कार्यों में आने वाली समस्याओं पर बात की। संस्थान के केशव दवे ने अंधविश्वासों को दूर करने के हेतु जादू के खेल के ज़रिए वैज्ञानिक व्याख्या की।
इससे पूर्व जनप्रतिनिधियों ने संस्थान की त्रैमासिक पत्रिकाओं ’पंचायत परिवार’ व ’महिला शक्ति’ में दी गई जानकारियों तथा जनप्रतिनिधियों की प्रेरणादायी केस-स्टडीज़ पर चर्चा की।
प्रारम्भ में अकादमिक सलाहकार के.सी. मालू ने संस्थान की गतिविधियों का परिचय दिया। सह-निदेशक हेमराज भाटी ने संस्थान द्वारा चयनित पंचायतों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पंचायत के संचालन में सुधार की प्रक्रियाओं पर विचार रखे। मेले का संचालन प्रशिक्षण सहायक दुष्यन्त त्रिवेदी ने किया।
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