शुद्ध जल – भविष्य के लिए जल


शुद्ध जल – भविष्य के लिए जल

विश्व जल दिवस के अवसर पर झील मित्र संस्थान , झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित " शुद्ध जल - भविष्य के लिए जल " विषयक वृहत संवाद में समग्र जल प्रबंधन पर विचार विमर्श किया गया।

 

शुद्ध जल – भविष्य के लिए जल

विश्व जल दिवस के अवसर पर झील मित्र संस्थान , झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित ” शुद्ध जल – भविष्य के लिए जल ” विषयक वृहत संवाद में समग्र जल प्रबंधन पर विचार विमर्श किया गया।

जल विशेषज्ञ डॉ अनिल मेहता ने कहा कि उदयपुर घाटी का अपना एक विशिष्ठ प्राकृतिक एवं भौतिक स्थान है।  घाटी का यह स्वरुप ही उदयपुर में जल की उपलब्धता एवं शुद्धता को सुनिश्चित करता है। बड़े पैमाने पर घाटी की पहाड़ियों की कटाई , वन विनाश से जल उपलब्धता कम हुई है तथा प्रदुषण का स्तर बढ़ा है। जल ग्रहण क्षेत्र में हुई विकृतियों के कारण भू जल पुनर्भरण , प्रवाह पर दुष्प्रभाव पड़ा है तथा मिटटी के कटाव में तेजी आई है।

झील मित्र संस्थान के तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि जल स्त्रोतों में विषैले रसायन , सीवर आदि समाहित हो रह है।  जल को भौतिक व रासायनिक रूप से साफ़ कर देना ही उसके स्वास्थ्य का सूचक नहीं है। जैव विविधता का होना ही जल स्त्रोतों के स्वास्थ्य का पैमाना है। एनएलसीपी ने एक अवसर उदयपुर की झीलों की गुणवत्ता सुधारने का दिया था किन्तु वह अवसर खूबसूरती बढ़ने की कवायद में खो दिया।  जल शुद्धता सुनिश्चित होनी चाहिए।

जलसंचयक महेश गढ़वाल ने कहा कि शहर की बढ़ती जल जरुरत को पूरा करने के लिए वर्षा जल संचयन के प्रयासों में तेजी लाये तो वर्त्तमान  भविष्य के लिए जल की बहुतायत हो जाएगी ।शासन प्रशासन को वर्षा जल संचयन हेतु सहायता एवं जो लोगव् संस्थान इसमें लगे हुए है  उन्हें मदद व् प्रोत्साहित करना चाहिए।

ट्रस्ट सचिव नन्द किशोर शर्मा ने कहा जल असीमित नहीं है।  जल का उपयोग मितव्ययी होना चाहिए। उदयपुर के लिए झीले पेयजल स्त्रोत है। झीलों में कचरा , पोलिथिन,खाद्य सामग्री आदि नहीं डाले ये कचरा पात्र नहीं है । जलीय गुणवत्ता ही मानव व प्रकृति के स्वास्थ्य को बचा सकती है। जलस्त्रोतों को बचाने  में नागरिकता का भाव जरुरी है। वरिष्ठ नागरिक रमेश सिंह ने कहा कि झीलों के किनारे शौच निवृति को रोका जाना चाहिये।

संवाद से पूर्व स्वरुप सागर से घरेलू कचरा,बदबू युक्त खाद्य सामग्री, सड़ा  मांस, शराब की बोतले, पॉलीथिन, जलीय घास निकाली। श्रमदान में रमेश सिंह राजपूत,रामलाल गेहलोत,अम्बालाल नकवाल,डालू गमेती,हरीश चन्द्र पुरोहित , बी  एल पालीवाल,अजय सोनी ,बंसी लाल मीणा,विक्की कुमावत,दीपेश स्वर्णकार, तेज शंकर पालीवाल ,नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।

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