राजस्थान खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागु करने वाला पहला राज्य बना
गांधी जयन्ती के अवसर पर उदयपुर जिले के चयनित परिवारों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया एंव राजस्थान खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस अधिनियम के तहत पात्र परिवारों को दो रुपये प्रति किलो गेंहू , एक रुपये किलो मोटा अनाज एवं तीन रुपये किलो चावल वितरित किया जाएगा।
गांधी जयन्ती के अवसर पर उदयपुर जिले के चयनित परिवारों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया एंव राजस्थान खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस अधिनियम के तहत पात्र परिवारों को दो रुपये प्रति किलो गेंहू , एक रुपये किलो मोटा अनाज एवं तीन रुपये किलो चावल वितरित किया जाएगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बुधवार को गिर्वा पंचायत समिति में आयोजित न्यूनतम मूल्य पर खाद्यान्न वितरण के लिए जिला स्तरीय समारोह का आयोजन हुआ।
समारोह में मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए उदयपुर ग्रामीण विधायक सज्जन कटारा ने कहा कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार ने ऐतिहासिक पहल करते हुए लोगों को खाद्यान्न सुरक्षा का अधिकार दिया है। अब कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोएगा। उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी का देखा गया सपना साकार हो रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर शुरु की गई इस कल्याणकारी योजना से गरीब एवं चयनित परिवार को भोजन का अधिकार प्राप्त हो गया है।
उन्होंने कहा कि अधिनियम के लागू होने के पश्चात आदिवासी बाहुल्य इस जिले के के करीब 80 प्रतिशत उपभोक्ताओं को योजना का लाभ प्राप्त होगा ।
कटारा ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के चयनित लाभान्वितों की संख्या के अनुसार खाद्यान्न का आवंटन भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रदेश खाद्यान्न सुरक्षा कानूनी अधिकार देने वाला पहला राज्य बन गया है। उन्होंने महिला स:शक्तिकरण की बात करते हुए कहा कि इस अधिनियम में महिलाओं को परिवार का मुखिया बनाया है।
उन्होंने जन प्रतिनिधियों सहित महिलाओं का आव्हान किया कि सरकार के इस ऐतिहासिक कदम का पूरा लाभ उठाये तथा राज्य सरकार द्वारा उनके हित में किए गए निर्णय को जन-जन तक पहुंचाए।
जन प्रतिनिधियों का भी हुआ सम्मान
समारोह में मुख्य अतिथि ने उपस्थित जन प्रतिनिधियों से कहा कि इस अधिनियम के तहत मिलने वाले लाभ की जानकारी आम जन तक पहुंचाए। उन्होंने समारोह में उनका स्वागत करने आए जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, पंच एवं सरपंच सहित उपस्थित जन प्रतिनिधियों को माला पहना कर उन्हें जिम्मेदारी का अहसास कराया और कहा कि वे ग्रामीण क्षेत्र की महत्वपूर्ण कड़ी है इसलिए वे इस योजना का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
राज्य कार्मिकों की उपस्थित में होगा वितरण
अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार पात्र लोगों को चालू माह की 20 से 30 अक्टूबर तारीख तक उपभोक्ता अवधि में पात्र लोगों को खाद्य सामग्री वितरित की जाएगी। इस दौरान प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर राज्य कार्मिक की उपस्थिति में वितरण कार्य सम्पन्न होगा।
बीपीएल, स्टेट बीपीएल को जारी रहेगा लाभ
समारोह में गिर्वा विकास अधिकारी ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जिले के बीपीएल, स्टेट बीपीएल एवं अन्त्योदय अन्न योजना के तहत चयनित परिवारों को पूर्व की भांति एक रुपये प्रति किलो की दर से गेंहू उपलब्ध कराया जाता रहेगा इसके साथ ही जिले के जनजाति क्षेत्र के 1135 परिवारों को 35 किलो गेंहू नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता रहेगा। कुपोषण को कम करने के लिए जिले के इन परिवारों को 2 किलो दाल, 2 लीटर सोया तेल एवं एक लीटर देशी घी नि:शुल्क उपलब्ध कराया जायेगा।
खाद्यान्न न मिलने पर शिकायत करें। खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत किसी पात्र उपभोक्ताओं को यदि समय पर खाद्यान्न वितरण नही हुआ है तो वे जिला कलक्टर या जिला रसद अधिकारी को अनाज नही मिलने की शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा जिले के गांव, वार्ड, ब्लॉक तथा जिला स्तर पर सतर्कता समितियों को भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
खाद्यान्न सुरक्षा का लाभ बड़े काश्तकारों को नहीं मिलेगा
खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत किए गए प्रावधानों के अनुसार बडे काश्तकार, सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी, आयकरदाता एवं जिसके पास चार पहिया वाहन हो आदि उपभोक्ताओं को खाद्य सुरक्षा का लाभ नहीं मिलेगा। गिर्वा प्रधान सुखबीर कटारा ने अधिनियम के तहत ग्रामीण एवं शहरी लोगों को दी गई सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर विवेक कटारा ने भी समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर जिला रसद अधिकारी एम.एल.चौहान सहित बडी संख्या में जन प्रतिनिधि एवं लाभार्थी मौजूद रहे।
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