राजस्थान उपचुनाव: अजमेर में 65, अलवर में 63 और मांडलगढ़ में 80% मतदान, नतीजे 1 फरवरी को
राज्य में लोकसभा की दो एवं विधानसभा की एक सीट पर हुए उपचुनाव में मतदान शाम छह बजे तक हुआ। शाम छह बजे तक हुए मतदान के आंकड़ों के अनुसार मांडलगढ़ में 80 फीसदी, अजमेर में 65 और अलवर में 63 प्रतिशत मतदान हुआ है। तीनों जगहों पर मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। अजमेर एवं अलवर लोकसभा पर सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस में सीधी टक्कर है। वहीं, मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बागी के उतरने से वहां त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनी है।
राज्य में लोकसभा की दो एवं विधानसभा की एक सीट पर हुए उपचुनाव में मतदान शाम छह बजे तक हुआ। शाम छह बजे तक हुए मतदान के आंकड़ों के अनुसार मांडलगढ़ में 80 फीसदी, अजमेर में 65 और अलवर में 63 प्रतिशत मतदान हुआ है। तीनों जगहों पर मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। अजमेर एवं अलवर लोकसभा पर सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस में सीधी टक्कर है। वहीं, मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बागी के उतरने से वहां त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनी है। तीनों सीटों पर 42 प्रत्याशी मैदान में है। सबसे अधिक अजमेर में 23, अलवर में 11 और मांडलगढ़ में 8 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।
निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष मतदान के लिए तीनों क्षेत्रों में 12 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए थे। इनमें सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स की 45 कंपनियां शामिल थीं। करीब 39 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर इसके लिए 4 हजार 194 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। इसी तरह 313 पोलिंग बूथों पर वेबकास्टिंग भी करवाई गई। नतीजे एक फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने बताया कि अजमेर, अलवर और मांडलगढ़ में इस बार 39 लाख 2 हजार 168 मतदाता हैं। अलवर में 18 लाख 27 हजार 936, अजमेर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 18 लाख 42 हजार 992 और मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 31 हजार 240 कुल मतदाता हैं। निगरानी के लिए 476 माइक्रो आब्जर्वर लगाए गए।
ईवीएम मतपत्र पर फोटो भी: ईवीएम मतपत्र पर प्रत्याशियों के नाम के साथ उनकी फोटो भी लगी दिखाई दी। देश में किसी भी लोकसभा चुनाव में पहली बार ऐसा प्रयोग किया गया। नई व्यवस्था में ईवीएम मतपत्र पर अब प्रत्याशी का नाम, फोटो और अंत में चुनाव चिन्ह है।
सर्विस वोटर्स के लिए ईटीपीबीएस तकनीक
सर्विस वोटर्स को मतदान के लिए इलेक्ट्रोनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट्स सिस्टम (ईटीपीबीएस) तकनीक की सुविधा दी। इससे मतदान प्रक्रिया पहले से आधा समय लगा। कुल 11 हजार 580 सर्विस मतदाता थे। अलवर में 9,223, अजमेर में 2,335 और मांडलगढ़ के 22 सर्विस वोटर थे।
नेत्रहीनों के लिए ब्रेल तकनीक
नेत्रहीन मतदाता ईवीएम मशीन पर बनी ब्रेल तकनीक से मतदान कर सके। राज्य में होने वाले उपचुनावों के लिए करीब 4 हजार 200 ब्रेल मतपत्र मुद्रित करवाए गए। नेत्रहीन मतदाता पोलिंग बूथ पर अभ्यर्थियों के क्रमांक, नाम एवं पार्टी आदि पढ़कर ईवीएम पर लगे हुए ब्रेल बटनों के माध्यम से अपने इच्छित उम्मीदवार के पक्ष मतदान कर सके।
उल्लेखनीय है इस उपचुनाव में अजमेर लोकसभा सीट से कुल 23 प्रत्याशी मैदान में है, मुख्य मुकाबला भाजपा के रामस्वरूप लांबा एवं कांग्रेस के डा. रघु शर्मा के बीच कुल 18 लाख 42 हजार 992 मतदाता में से किसी एक के भाग्य का फैसला करेंगे। वहीँ अलवर लोकसभा सीट से कुल 18 लाख 27 हजार 936 मतदाता चुनाव में उतरे 11 प्रत्याशियों में से अपना प्रतिनिधि चुनेंगे। यहाँ भी मुख्य मुकाबला भाजपा के डॉ जसवंत यादव और कांग्रेस के डॉ कर्ण सिंह यादव के बीच ही माना जा रहा है। जबकि भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ विधानसभा सीट से 2 लाख 31 हजार 240 मतदाता आठ उम्मीदवारों में से अपना विधायक चुनेंगे। यहाँ पर कांग्रेस के बागी उम्मीदवार गोपाल मालवीय ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। भाजपा से शक्ति सिंह हाड़ा और कांग्रेस से विवेक धाकड़ यहाँ से अपना भाग्य आज़मा रहे है। उपचुनाव के वोटो की गिनती एक फरवरी को की जाएगी और उसी दिन नतीजे भी घोषित हो जाएंगे।
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