बालश्रम निषेध दिवस पर राजस्थान बाल आयोग सदस्यो का उदयपुर संभाग का दौरा
बच्चो से सम्बंधित विभाग, स्वयंसेवी संस्थाए, बाल कल्याण समिति एवं आमजन के सयुंक्त प्रयास से ही बल श्रम मुक्त समाज की स्थापना संभव है, उक्त विचार राजस्थान राज्य बाल आयोग, राजस्थान सरकार के सदस्य उमा रत्नु ने उदयपुर संभाग मुख्यालय पर दो दिवसीय विजिट के प्रथम दिन विभिन्न पुलिस थाने, बाल गृह, आश्रयगृह विजिट के पश्चात सर्किट हाउस पर आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये ।
बच्चो से सम्बंधित विभाग, स्वयंसेवी संस्थाए, बाल कल्याण समिति एवं आमजन के सयुंक्त प्रयास से ही बल श्रम मुक्त समाज की स्थापना संभव है, उक्त विचार राजस्थान राज्य बाल आयोग, राजस्थान सरकार के सदस्य उमा रत्नु ने उदयपुर संभाग मुख्यालय पर दो दिवसीय विजिट के प्रथम दिन विभिन्न पुलिस थाने, बाल गृह, आश्रयगृह विजिट के पश्चात सर्किट हाउस पर आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये ।
दो दिवसीय विजिट में राजस्थान बाल आयोग के सदस्य शिवपाल सिह ने जानकारी देते हुए बताया की बच्चो से सम्बंधित कई कानून एव योजनाए बनी है, परन्तु उनके क्रियान्वयन में जामिनी स्तर पर कई चुनौतिया है | हमें मिलकर उन्हें जड़ से ख़त्म करना है। बाल सरक्षण में जमीनी स्तर पर सही निगरानी प्रणाली को सुनिश्चित करना होगा ।
विजिट के प्रथम दिवस आज बाल आयोग के सदस्यो ने सुरजपोल पुलिस थाना, हाथीपोल पुलिस थाना, महिला मण्डल द्वारा संचालित आश्रयगृह, श्री आसरा विकास संस्थान द्वारा आयोजित बाल सभा में जाकर उदयपुर संभाग में बाल सरक्षण को सुनिश्चित करने हेतु चर्चा की गई ।
बाल आयोग सदस्यो के साथ सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग मीना शर्मा, बाल अधिकार विशेषज्ञ डॉ. शेलेन्द्र पण्ड्या, मानव तस्करी विरोधी यूनिट से हनुमन्त सिह भाटी, बाल कल्याण समिति के सदस्य एव विभागिय अधिकारी उपस्थित रहे । कल दिनांक 13.06.2017 को दोपहर 3 बजे जिला कलक्टर सभागार में जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक का आयोजन कर बाल आयोग के सदस्य सम्भाग की बाल संरक्षण की स्थिति पर चर्चा करेंगे ।
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