राजस्थान चुनाव: ज्योतिषी की नज़र में किस करवट बैठेगा ऊँट

राजस्थान चुनाव: ज्योतिषी की नज़र में किस करवट बैठेगा ऊँट

राजस्थान में विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। राजनीति के शतरंज की बिसात पर घोड़े, हाथी, वज़ीर, प्यादे और राजा भी अपनी जगह ले चूका है बस इंतज़ार है खेल का। देखते है कौन कैसी चाल चलता है ? और चुनावी लोकतंत्र के मैदान के राजा यानि मतदाता किसको शह देती और है किसे मात देती है यह तो वक़्त के दामन में छुपा हुआ है। राजनैतिक पार्टियों के अपने दावे है, सटोरियों के अपने कयास है। शहर के सयानो के अपने कयास है।चलिए एक नज़र भविष्यवाणी और ग्रहो की चाल पर नज़र रखने वालो की नज़र से देखते है प्रदेश में चुनावी ऊँट किस करवट बैठेगा।

The post

 

राजस्थान चुनाव: ज्योतिषी की नज़र में किस करवट बैठेगा ऊँट

राजस्थान में विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। राजनीति के शतरंज की बिसात पर घोड़े, हाथी, वज़ीर, प्यादे और राजा भी अपनी जगह ले चूका है बस इंतज़ार है खेल का। देखते है कौन कैसी चाल चलता है ? और चुनावी लोकतंत्र के मैदान के राजा यानि मतदाता किसको शह देती और है किसे मात देती है यह तो वक़्त के दामन में छुपा हुआ है। राजनैतिक पार्टियों के अपने दावे है, सटोरियों के अपने कयास है। शहर के सयानो के अपने कयास है। सभी के अपने अपने दावे और कयास है आज फिज़ाओ में चर्चा राजनीती की ही है किसकी बनेगी, किसकी बिगड़ेगी, कौन टिकट हथियाने में सफल होगा कौन टिकट न मिलने पर खफा होगा या कौन पीछे से छुरा घोंपेगा अभी सब कुछ भविष्य के गर्त में है 11 दिसम्बर तक इंतज़ार करना होगा। चलिए एक नज़र भविष्यवाणी और ग्रहो की चाल पर नज़र रखने वालो की नज़र से देखते है प्रदेश में चुनावी ऊँट किस करवट बैठेगा।

उज्जैन (मध्यप्रदेश) के पंडित विशाल दयानन्द शास्त्री के अनुसार अशोक गहलोत का राजयोग बनता दिख रहा है जबकि वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सितारा इस वक़्त इतना बुलंद नहीं आइये विस्तार से जानते है क्या कहते पंडित विशाल दयानन्द शास्त्री

अशोक गहलोत: जन्म तारीख- 03.05.1951, समय 09.30 बजे सुबह, स्थान-जोधपुर, वार-गुरवार लग्न-मिथुन, राशी-मीन , नक्षत्र-उत्तराभाद्रपद

वर्तमान में इसका प्रबल राजयोग बन रहा है । शनिदेव के प्रबल गजकेसरी योग से गुरु का केंद्र में होने से छठे स्थान पर राहु तीसरे स्थान पर केतु होना चाहिए,जो अद्भुत योग बनता है गुरु और चंद्रमा की युति से सरकार के मुखिया बनने का योग नवंबर 2019 तक है यह योग अशोक गहलोत का है। ये हम नही कह रहे यह कहना है उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री का, जिन्होंने वर्ष 1997 में भी गहलोत के मुख्यमंत्री बनने को लेकर भविष्यवाणी की थी और वह भविष्यवाणी भी सही साबित हुई थी।

अशोक गहलोत का लग्न मिथुन, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, मीन राशि हैं।

वर्ष 1998 से 2019 तक अशोक गहलोत के राज योग प्रबल हैं राजनीति के हर क्षेत्र में माहिर तीसरा केतु होने से वाक चातुर्य से काम बनाने की क्षमता, शत्रुओं का नाश करने की कला, नवे राहु गुरु केंद्र में होने से सभी दोष भी माफ माने जाते हैं।

पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि नवंबर 2019 तक समय श्रेष्ठ रहेगा इनका बुद्ध ग्यारहवें भाव में प्रभावशाली होकर प्रशासनिक पावर प्रदान कर्ता है कुल मिलाकर अशोक गहलोत के राज योग प्रबल हैं । उन्होंने बताया कि राहुल गांधी के राजयोग नहीं है गठबंधन सरकार अगर आती है तो सर्वमान्य प्रधानमंत्री उम्मीदवार अशोक गहलोत हो सकते हैं और उनकी जीत प्रबल होगी।

Download the UT Android App for more news and updates from Udaipur

शनि देव की दशा गहलोत के लिए श्रेष्ठ राज योग कारक —

गहलोत की कुंडली प्रबल जीत के आसार बनाती है बृहस्पति की दशा शनि देव की दशा गहलोत के लिए श्रेष्ठ राज कारक है कुल मिलाकर नेतृत्व पर निर्भर है कि वह अपने तुरूप के पत्ते को इस्तेमाल करते हैं या नहीं बाकी अशोक गहलोत का भविष्य उज्जवल है। गुरु और चंद्रमा दसवें भाव में गजकेसरी योग अद्भुत योग सरकार का मुखिया बनने का योग बनता है लग्नेश बुध ग्यारहवें भाव में सूर्य के साथ बुधादित्य योग का निर्माण करता है।।

जातक की वाणी प्रभावशाली और कई विद्याओं का जानकार होता है गुरु केंद्र में दसवें भाव में शुभ योग है।। केंद्र में गुरु कुंडली के सभी दोष दूर करते हैं शुक्र बारहवें भाव में मीन राशि में स्थित है।।खूब प्रसिद्धि प्राप्त होगी गुरु केंद्र में स्वयं की राशि में अच्छा योग बनाता है प्रधानमंत्री पद प्राप्त कर सकते हैं राहु नौवें भाव में अपनी चतुर प्रति लोगों को प्रभावित करते हैं कुल मिलाकर सर्वश्रेष्ठ योग चल रहे हैं।

कांग्रेस के अशोक गहलोत का जन्म 03 मई सन् 1951 को सुबह 9:30 मि. पर जोधपुर में हुआ था। उस काल में क्षितिज पर मिथुन लग्न उदित हो रही थी। मिथुन राशि एक द्विस्वभाव राशि है, जिसके फलस्वरूप गहलोत के स्वभाव में दोहरापन पाया जायेगा, कभी धीर गम्भीर तो कभी चंचल और वाचाल रहेंगे। आपके सोचने का तरीका वैज्ञानिक व तर्कसंगत होगा।

इस समय आपकी कुण्डली में मंगल की दशा में राहु की अन्तर एंव केतु की प्रत्यन्तर दशा चल रही है। षष्ठेश और लाभेश होकर मंगल अपनी मेष राशि में लाभ भाव में राजा सूर्य के साथ संग्रस्थ है। मंगल और सूर्य की सप्तम नजर जनता के कारक पंचम भाव पर पड़ रही है। यह स्थिति शुभ कही जा सकती है। राहु भाग्य भाव में स्वराशि का होकर गुरू के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद पर कब्जा किये हुये है। गुरू सप्तमेश होकर दशम भाव में बैठा है। सप्तम भाव परिवर्तन का कारक एंव दशम स्थान राज्य का संकेतक है।

पूर्व सीएम अशोक गहलोत की कुण्डली में इस वक्त मंगल की दशा चल रही है व 6 दिसम्बर से सूर्य की अन्तर दशा प्रारम्भ होने वाली है। मंगल लाभेश होकर लाभ भाव में बैठकर सप्तम नजर से पंचम भाव को देख रहा है। सूर्य तृतीयेश होकर लाभ पर कब्जा जमाकर पंचम भाव को देख रहा है। सूर्य व मंगल दोनों की जनता के संकेतक भाव पर दृष्टि पड़ रही है।

गहलोत के लिए शुभ हैं संकेत..

6 अक्टूबर से गुरू वृश्चिक में गोचर करेगा जो आपके छठें भाव में रहेगा जिसकी पंचम दृष्टि सत्ता के कारक दशम भाव पर पड़ रही है। यह एक बहुत ही शुभ संकेत है। आपके लिए अंक 8 भी विशेष फलदायी है क्योंकि आप 1998 में पहली बार सीएम बने थे। दूसरी बार सन् 2008 में सीएम बने और इस बार भी सन् 2018 में अंतिम अंक 8 है।

आइये अब बात करते है वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कुंडली की जानते है पंडित विशाल दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार वसुंधरा जी के सितारों और ग्रहो की चाल जान लेते है

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जन्म 08 मार्च 1953 ई0 को मध्यान्ह 12 बजे मुम्बई में हुआ था। आपकी कुण्डली के प्रथम भाव में वृष लग्न पड़ी है। वृषभ राशि एक स्थिर राशि है, जिसके कारण आप में प्रबल शारीरिक व मानसिक सहनशक्ति एंव सहिष्णुता होगी। आप स्वभाव से हठी एंव योजनाओं को पूर्ण करने की योग्यता रखेंगी।

क्या कहते हैं वसुंधरा राजे सिंधिया के सितारे?

वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की कुण्डली में इस समय राहु की दशा में राहु का अन्तर और गुरू का प्रत्यन्तर चल रहा है। राहु आपके भाग्य में बैठकर पंचम दृष्टि से लग्न को देख रहा है, इसलिए आप चिन्ताग्रस्त रहेगी व नवम दृष्टि से जनता के संकेतक भाव पंचम को देख रहा है, जिस कारण आपकी जनता में लोकप्रियता कमी आयेगी। गुरू अष्टमेश होकर द्वादश भाव में बैठकर अशुभ फल देगा। अतः वसुंधरा राजे को दोबरा से मुख्यमंन्त्री बन पाना मुश्किल है।

शनि उच्च का है एंव वक्री भी है। शनि वंसुधरा राजे को एक बार फिर मुख्यमन्त्री की कुर्सी पर आसीन होने का सुनहरा अवसर देगा किन्तु बुध नीच का होकर अपनी सप्तम नजर पंचम भाव पर डाल रहा है, इसलिए बहुमत पाकर सरकार बना पाना मुश्किल है।

नोट: उपरोक्त आकलन पंडित विशाल दयानद शास्त्री जी की ज्योतिष विद्या पर आधारित है।

Views in the article are solely of the author
Pt. Dayanand shastri..
Mob.-9039390067(whatsapp), +91 7000395415,+91 9669290067.

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal