‘राजस्थान के लोकगीत‘ पुस्तक का हुआ विमोचन

‘राजस्थान के लोकगीत‘ पुस्तक का हुआ विमोचन

पन्नालाल मेघवाल द्वारा संपादित ‘राजस्थान के लोकगीत’ पुस्तक का विमोचन मंगलवार को पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने किया।
 
rajasthan ke lokgeet

उदयपुर 28 सितंबर 2021। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक पन्नालाल मेघवाल द्वारा संपादित ‘राजस्थान के लोकगीत’ पुस्तक का विमोचन मंगलवार को पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने किया।

केंद्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने कहा कि राजस्थान में लोकगीत गाए जाने की समृद्ध परंपरा रही है। राजस्थान में शादी ब्याह, तीज त्यौहार, विवाहोत्सव आदि मांगलिक अवसरों पर लोकगीत प्रमुखता से गाए जाते है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में  पारंपरिक लोकगीत गाए जाने की परंपरा लुप्त होती जा रही है। ऐसे समय में पन्नालाल मेघवाल ने राजस्थान के लोकगीतों का संकलन करके इनके संरक्षण की दिशा में  उत्कृष्ट कार्य किया है।

इस मौके पर इंटैक, उदयपुर चैप्टर के सह संयोजक गौरव सिंघवी ने बताया कि इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज (इंटैक), उदयपुर चौप्टर के सौजन्य से प्रकाशित पन्नालाल मेघवाल की इस पुस्तक में देवी देवता के 22, जच्चा बच्चा के 21, हल्दी पीठी के 85, तीज-त्यौहार के 15, लोक संस्कारों के 127 कुल 270 लोकगीत सम्मिलित है। 

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा ने कहा कि ‘राजस्थान के लोकगीत‘ एक श्लाघनीय संकलन है। इस संकलन से आधुनिक पीढ़ी लाभान्वित होगी व लोकगायन की लुप्तप्राय परंपरा का संरक्षण होगा।। इस अवसर सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय के सुनील व्यास, प्रकाश मेघवाल और विभागीय कार्मिक उपस्थित थे।

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