राजस्थानी मोट्यार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ शिवदान सिंह जोलावास ने बताया कि प्रवासी राजस्थानियों एवं परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल के महामहिम राज्यपाल जगदीप धनकड़ से कोलकाता राजभवन में मुलाकात कर उन्हें राजस्थानी भाषा की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक गौरव से अवगत कराया ।
जोलावास ने राजपाल को बताया कि 11 करोड़ राजस्थानी आज भी राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में जुड़ने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ऐसा होने से विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में प्रदेश के युवाओं के साथ न्याय होगा। मां भाषा का मान सम्मान मौलिक अधिकार है। प्रतिनिधिमंडल में अरुण प्रकाश मल्लावत, भागीरथ सारस्वत ने ज्ञापन दिया कि केंद्र सरकार इसे आठवीं अनुसूची में जोडे तथा प्रवासी राजस्थानियों की मां भाषा को प्राथमिक शिक्षण में बंगाल में तृतीय भाषा के रूप में जोडे।
राज्यपाल महोदय ने प्रतिनिधि मंडल से विभिन्न शोध केंद्रों तथा राजस्थान साहित्य महोत्सव आडावळ की जानकारी प्राप्त करी और कहा कि बंगाल में वीर पुरुषों के नाम पर सरणी तथा उद्यान के नाम तथा नव गौरजा के नाम पर गणगौर द्वार है जिससे राजस्थानी संस्कृति और धरोहर की जानकारी बच्चों के शिक्षण एवं व्यवहार में आने से मां, माटी, मानुष के संबंध मजबूत होंगे।
प्रवासी राजस्थानी के साथ बड़ा बाजार में तृणमूल सांसद सुदीप बंदोपाध्याय से मुलाकात कर लोकसभा में राजस्थानी के पक्ष में बात रखने तथा बंगाल में तृतीय भाषा बनाने को कहा। देर शाम कला मंदिर में आयोजित "धड़कन धोरां री" कार्यक्रम में परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जोलावास ने पद्मश्री प्रहलाद राय अग्रवाल तथा सीकर नागरिक परिषद के अध्यक्ष समाजसेवी प्रहलाद राय गोयंका ने राजस्थान के सांस्कृतिक गौरव को रखते हुए राजस्थानी साहित्य के गौरवशाली इतिहास की व्याख्या करी और सीकर दर्पण पुस्तक का विमोचन किया।
राजस्थान प्रचारिणी सभा अध्यक्ष रतन शाह एवं साहित्यकार कन्हैयालाल सेठिया के परिवार जनों से उनके पैतृक आवास पर भेंट करी तथा राजस्थान सूचना केंद्र के संयुक्त निदेशक हिंगलाजदान रत्नू ने कोलकाता में जोरदार स्वागत किया।
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