उदयपुर 22 मई 2020। रमज़ान माह के तीस रोज़े पूरे करने के बाद बोहरा समुदाय ने कल वैश्विक महामारी कोरोना के कारण शहर के विभिन्न हिस्सों में लगे कर्फ्यू और लॉकडाउन में ईद उल फ़ित्र का त्यौहार मनायेगा। बोहरा समुदाय बहुल इलाको बोहरवाड़ी, खानपुरा, खांजीपीर, फतेहपुरा, अहिंसापुरी जैसे क्षेत्रो में कर्फ्यू की वजह ईद उल फ़ित्र की विशेष नमाज़, जो की मस्जिदों में अदा की जाती है, इस वर्ष विशेष परिस्थितियों के कारण घरो में ही अदा की जाएगी। एवं घर पर रहकर ही ईद की खुशियाँ मनाई जाएगी।
सुधारवादी बोहरा समुदाय से संबद्ध दाऊदी बोहरा जमात के प्रवक्ता मंसूर अली ओड़ावाला ने बताया की आज शुक्रवार दोपहर में रमज़ान के आखिरी जुमा (जुमातुल विदा) की विशेष नमाज़ (जो की आमतौर पर मस्जिदों में अदा की जाती है) , इस वर्ष लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते घरो में ही अदा की गई।
दाऊदी बोहरा जमात के सचिव ज़ाकिर पंसारी और अध्यक्ष फ़ैयाज़ हुसैन इटारसी ने बताया की ईद की विशेष नमाज़ घरो में ही पढ़ी जाएगी। लॉकडाउन और कर्फ्यू के मद्देनज़र एवं समाज की महामारी से सुरक्षित रखने को लेकर समुदाय ने ईद की नमाज़ घरो में ही अदा करने का फैसला किया है।
चिलचिलाती धुप और भीषण गर्मी में जहाँ कई बडो ने इस बार हार मान ली वहीँ एक साढ़े पांच वर्षीया मासूम बालिका शरमीन ब्यावर वाला ने पूरे महीने के 30 रोज़े रख कर अल्लाह को खुश किया। शरमीन की माँ, मारिया ब्यावर वाला ने बताया की बच्ची ने अपनी मर्ज़ी से रोज़े रखे है। और आज वह आखिरी रोज़ा करके बहुत खुश है। उल्लेखनीय है की पिछले वर्ष भी पांच -छह साल के 5 बच्चो ने पूरे महीने के 30 रोज़े रखे थे। जबकि 6 साल से ऊपर सुर 13 साल से कम उम्र क्र लगभग 60 बच्चो ने पूरे माह के रोज़े रखे है। वहीँ कुछ लोगो ने लगातार तीन महीने यानि 90 दिन तक लगातार रोज़े रखे है।
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