राष्टीय कठपुतली नाट्य समारोह में रामायण, काबुलीवाला, स्वामी विवेकानंद, नल दमयंती

राष्टीय कठपुतली नाट्य समारोह में रामायण, काबुलीवाला, स्वामी विवेकानंद, नल दमयंती

भारतीय लोक कला मण्डल में 02 अक्टूबर, मंगलवार से ‘‘राष्ट्रीय कठपुतली नाट्य’’ समारोह प्रारम्भ हुआ. रामायण, काबुलीवाला, स्वामी विवेकानंद, नल दमयंती नाटकों कि प्रस्तुति 2-5 अक्टूबर

 
राष्टीय कठपुतली नाट्य समारोह में रामायण, काबुलीवाला, स्वामी विवेकानंद, नल दमयंती

भारतीय लोक कला मण्डल में 02 अक्टूबर, मंगलवार से ‘‘राष्ट्रीय कठपुतली नाट्य’’ समारोह प्रारम्भ हुआ।

संस्था के मानद सचिव दौलत सिंह पोरवाल ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वें जन्मशताब्दी समारोह के अवसर पर राष्टीय कठपुतली नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है।

समारोह के प्रथम दिन मुक्ताकाशी रंगमंच पर भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक स्व. पद्मश्री देवीलाल सामर द्वारा निर्मित एवं निर्देशित ‘‘रामायण’’ कठपुतली नाटिका का मंचन किया गया।

निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर में कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरात्तव विभाग राजस्थान सरकार, जयपुर एवं संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 2 अक्टूबर से 05 अक्टूबर 2018 तक राष्ट्रीय कठपुतली नाट्य समारोह आयोजित किया जा रहा है।

 

उन्होने बताया कि समारोह के उद्घाटन अवसर पर संस्था के उपाध्यक्ष रियाज तहसीन, मानद सचिव दौलत सिंह पोरवाल ने महात्मा गांधी जी की तस्वीर पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित कर समारोह की शुरूआत की।

उन्होने बताया कि संस्था संस्थापक स्व. पद्मश्री देवीलाल सामार द्वारा वर्ष 1962 में राजस्थान की पारम्परिक कठपुतली कला के माध्यम से भगवान राम के जीवन चरित्र, मानवता तथा मानव मूल्यों कि रक्षा हेतु दिये के संदेशो को जनमानस तक पहुचाने का कार्य किया गया था । समार साहब के स्वर्गवास के पश्चात उक्त कठपुतली नाटिका का प्रदर्शन बंद हो गया था जिसे वर्तमान में तकनीकी सुधार कर पुनः प्रदर्शन हेतु तैयार किया गया है।

उन्होने यह भी बताया कि दिनांक 03 अक्टूबर, बुधवार को डॉ. लईक हुसैन द्वारा लिखित एवं निर्देशित ‘‘काबुलीवाला’’, दिनांक 04 अक्टूबर को लईक हुसैन द्वारा लिखित एवं निर्देशित ‘‘स्वामी विवेकानन्द’’ और दिनांक 05 अक्टूबर 2018 को राष्ट्रीय पुरूस्कार(संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली) से सम्मानित गणपत सखराम मसगे द्वारा निर्देशित ‘‘नल दंमयन्ति’’ कठपुतली नाटिका का मंचन किया जाऐगा।

समारोह के आयोजन मुक्ताकाशी रंगमंच पर प्रतिदिन सायः 7.15 बजे से होगे। आम जन हेतु समारोह में प्रवेश निःशुल्क रहेगा।

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