वेशभूषा के कारण बलात्कार – साध्वी अभ्युदया
साध्वी अभ्युदया ने कहा कि समाज में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही बलात्कार एवं अपराधों की घटनाओं में वृद्धि के पीछे काफी कुछ हाथ लड़कियों द्वारा पहनी जाने वाली वेशभूषा का रहता है।
उदयपुर। साध्वी अभ्युदया ने कहा कि समाज में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही बलात्कार एवं अपराधों की घटनाओं में वृद्धि के पीछे काफी कुछ हाथ लड़कियों द्वारा पहनी जाने वाली वेशभूषा का रहता है।
वे आज वासुपूज्य मंदिर स्थित दादाबाड़ी में नियमित प्रवचन में बोल रही थी। उन्होेंने कहा कि न्यायालय ने बलात्कार के एक मामलें में लड़के केा निर्दोष करार देते हुए लड़की बलात्कार के दौरान गलत वेशभूषा पहनने 6 माह की सजा सुनाई थी। उन्होेंने कहा कि यदि अभिभावक अपनी बेटियों द्वारा पहनी जाने वाली वेशभूषा की ओर ध्यान देंगे तो इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकेगा।
साध्वी स्वर्णोदया ने कहा कि नारी की शोभा शील से होती है। नारी का शील नहीं तो वह नागिन के समान हाती है। संसार में रूप की नहीं गुणों की पूजा होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रीत करो तो रघुनाथ से करो शरीर से नहीं। तुलसीदास को संत तुलसीदास बनाने में उनकी पत्नी रत्नावली का हाथ रहा था। उन्होंने कहा कि पुरूष एक कुल को उज्ज्वल करता है लेकिन नारी दो कुल को उज्जवल कर उसमें चार चाँद लगा देती है। संस्कृति को बनाये रखने का कार्य नारी करती है। साध्वी ने कहा कि नारी कभी तीर्थंकर नहीं बन सकती है लेकिन पुरूष को तीर्थंकर बनाने में योगदान दे सकती है।
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