वनाधिकार प्रकरणों का त्वरित निस्तारण हो – जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त


वनाधिकार प्रकरणों का त्वरित निस्तारण हो – जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त

संभागीय आयुक्त पदेन आयुक्त (जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग) भवानी सिंह देथा के मुख्य आतिथ्य में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वनाधिकार अधिनियम 2006 नियम 2008 एवं संशोधित नियम 2012 पर राज्य स्तरीय प्रशिक्षण टीआरआई सभागार में आयोजित किया गया।

 

वनाधिकार प्रकरणों का त्वरित निस्तारण हो – जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त

संभागीय आयुक्त पदेन आयुक्त (जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग) भवानी सिंह देथा के मुख्य आतिथ्य में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वनाधिकार अधिनियम 2006 नियम 2008 एवं संशोधित नियम 2012 पर राज्य स्तरीय प्रशिक्षण टीआरआई सभागार में आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण में विभाग की ओर से हर्ष सावनसुखा एवं जगमोहन सिंह अतिरिक्त आयुक्त, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, आर.एन.चाहिल निदेशक, टीआरआई एवं एम.एल.चौहान उप निदेशक (सुरक्षात्मक व्यवस्थापन) टीएडी, उदयपुर उपस्थित थे।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि पद से उद्बोधन में जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त श्री देथा ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 में सामुदायिक वन अधिकारों पर अब भी कार्य होना शेष है जिन्हें त्वरित गति से निपटाया जाना आवश्यक है।

उन्होंने पेसा अधिनियम, 1999 एवं पेसा नियम 2011 के क्रियान्वयन की आवश्यकता बताई एवं निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही जिला एवं पंचायत समिति स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित किये जावें एवं राज्य सरकार की मंशानुसार कार्य को सम्पादित करें।

प्रशिक्षण के प्रारम्भ में एम.एल.चौहान ने स्वागत परिचय के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा जारी एक्शन केलेण्डर की जानकारी दी एवं निदेशक आर.एन.चाहिल ने प्रशिक्षण के उद्देश्यों से अवगत कराया।

प्रथम सत्र में राजस्थान पंचायती राज (उपबन्धों का अनुसूचित क्षेत्रों में लागू होने संबंधी उपान्तरण) पेसा अधिनियम, 1999 पेसा नियम, 2011 पर डॉ. भरत श्रीमाली आस्था संस्थान, उदयपुर ने विस्तृत जानकारी दी। द्वितीय सत्र में अनुसूचित जनजति वनाधिकार अधिनियम, 2006 नियम 2008, संशोधित नियम 2012 की सामान्य जानकारी सेवा निवृत आरएएस अधिकारी जी.के.दशोरा ने प्रदान की।

तृतीय सत्र अनुसूचित जनजाति वनाधिकार अधिनियम, 2006 नियम 2008 संशोधित नियम 2012 की प्रक्रिया पर एम.एल.गुर्जर, आस्था संस्थान उदयपुर ने प्रशिक्षण दिया।

समूह चर्चा एम.एल. चौहान, उप निदेशक (सुरक्षात्मक व्यवस्थापन) टीएडी एवं एम.एल.गुर्जर, आस्था संस्थान के निर्देशन में हुई। चतुर्थ सत्र में सामुदायिक वन अधिकार संबंधी दावे क्रियान्वयन कठिनाईयों पर श्री रमेश नन्दवाना अधिवक्ता एवं पंचम सत्र सामुदायिक वन भूमि विकासात्मक कार्य तथा सामुदायिक जीवन उत्थान हेतु योजनाएं पर श्री ओ.पी.शर्मा, उप वन संरक्षक ने प्रकाश डाला।

खुली चर्चा में हर्ष सावनसुखा, जगमोहन सिंह, अतिरिक्त आयुक्त, टीएडी एवं एम.एल.चौहान, उप निदेशक (सुरक्षात्मक व्यवस्थापन) टीएडी ने प्रशिक्षणार्थियों की शंकाओं का समाधान किया। प्रशिक्षणार्थियों ने ऑनलाईन दावे एवं निस्तारण की आवश्यकता बताई।

प्रशिक्षण में 12 जिलों के 44 प्रशिक्षाणार्थी एवं 25 संभागी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण के अन्त में प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सुझाव एवं अनुत्तरित रहे प्रश्न भरकर उपलब्ध कराये गये।

समापन सत्र में हर्ष सावनसुखा ने मास्टर ट्रेनर्स को समयबद्ध प्रशिक्षण सम्पन्न कराने के निर्देश देते हुए प्रशिक्षण में आने का आभार व्यक्त किया।

प्रशिक्षण का संचालन टीआरआई उप निदेशक ज्योति मेहता ने किया। आभार बी.एल.कटारा, निदेशक (सांख्यिकी), टीआरआई ने व्यक्त किया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags