उदयपुर, 7 दिसंबर 2020। सर्दियों की दस्तक के साथ ही जिले के विभिन्न जलाशयों में जहां स्थानीय व प्रवासी पक्षियों का कलरव प्रारंभ हो चुका है वहीं पक्षी विशेषज्ञों द्वारा कहीं-कहीं दुर्लभ पक्षियों को भी देखा जा रहा है।
इधर, पक्षी विशेषज्ञ प्रदीप सुखवाल ने बताया कि मेनार के साथ ही रूंडेडा तालाब में भी इस पक्षी की साईटिंग हो रही है जो यहां की समृद्ध जैवविविधता का परिचायक है। उन्होंने इस पक्षी के फिर से देखे जाने पर खुशी जताई है।
टिटहरी के समान दिखाई देने वाले इस पक्षी के हल्के भूरे रंग, पैर लम्बे व पील रंग के होते हैं तथा उड़ते समय पूंछ सफेद दिखाई देती है। यह छिछले पानी में केंचुए, जलीय जीव या कीट खाती है। नर-मादा लगभग एक समान दिखाई देते है। इसका प्रजनन काल अप्रेल से मई माह में होता है। यह एक बार में तीन से चार अण्डे देती है। आईयूसीएन स्टेटस में यह लीस्ट कंसर्न बर्ड है।
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