आर.सी.ए. के छात्र-छात्राओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न


आर.सी.ए. के छात्र-छात्राओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर में दिनॉंक 9 एवं 10 जुलाई 2015 को बी0एस0सी0 (कृषि) के अन्तिम वर्ष छात्र-छात्राओं के लिये ग्रामीण कृषि कार्योनुमुखी अनुभव कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

 

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर में दिनॉंक 9 एवं 10 जुलाई 2015 को बी0एस0सी0 (कृषि) के अन्तिम वर्ष छात्र-छात्राओं के लिये ग्रामीण कृषि कार्योनुमुखी अनुभव कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम के दौरान राजस्थान कृषि महाविद्यालय के बी.एस.सी. कृषि स्नातक के करीब 109 विद्यार्थियों को भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित ’’रूरल एग्रीकल्चर वर्कएक्सपीरियन्स’’ (रावे) कार्यक्रम की रूपरेखा, उपयोगिता, आवश्यकता एवं नियोजन के बारे में बताया गया ।

कार्यक्रम के दौरान राजस्थान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉं0 एस.आर. मालू ने विद्यार्थियों से रूबरू होते हुये कहा कि इस कार्योन्मुखी अनुभव कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी अगले छः माह में खेती-बाड़ी का प्रायोगिक प्रशिक्षण प्राप्त करेगें । उन्हें कृषि में विकसित हो रही नई-नई तकनीकों को किसानों के खेत पर देखने एवं समझने का मौका तो मिलेगा ही साथ ही आवासीय कार्यक्रम होने के कारण इस दौरान कॉलेज के विद्यार्थी गॉंवों में जाकर नवीनतम् तकनीकों का प्रचार-प्रसार भी कर सकेगें ।

डॉं0 मालू ने इस बात पर भी जोर दिया कि विद्यार्थियों को अधिक से अधिक प्रायोगिक प्रशिक्षण हॉंसिल कर अपने गॉंवों में भी किसानों को आ रही दिक्कतों को दूर करना चाहिये । उन्होने विद्यार्थियों से समन्वित कृषि प्रणाली उच्च तकनीकी, उद्यानिकी, एकीकृत कीट प्रबन्धन, सौर उर्जा, सूक्ष्म सिंचाई आदि विषयों पर भी चर्चा की ।

प्रसार शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉं0 एफ.एल. शर्मा ने रावे प्रोग्राम की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुये बताया कि यह कार्यक्रम हर वर्ष कृषि स्नातकों के लिये अन्तिम वर्ष में आयोजित किया जाता है जिसके अन्तर्गत छात्र-छात्राऐं करीब डेढ़ माह तक गॉंव में किसान परिवार के साथही रहते हैं और प्रायोगिक प्रशिक्षण हॉंसिल करते हैं । इस दौरान विद्यार्थी राजस्थान के विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों जैसे केवीके बॅूंदी, झालावाड़, सिरोही, भीलवाड़ा, डॅंुगरपुर, बॉंसवाड़ा आदि जिलों में भेजे जायेगें ।

कार्यक्रम प्रभारी डॉं0 राजीव बैराठी ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों से अनेक केस स्टडी भी करवाई जावेगी और कृषि की नवीनतम् तकनीकों के मॉडल बनवा कर उन्हें विश्वविद्यालय के शैक्षणिक संग्रहालय में प्रदर्शित किया जावेगा ।

कार्यक्रम के उपरान्त राजस्थान कृषि महाविद्यालय के करीब 110 छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय के पुस्तकालय के सामने लगभग 200 गुलाब के पौधे रोपते हुये अच्छी बरसात की कामनाऐं की ।

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