घनी आबादी, होटलों, गेस्ट हाउस से घिरी पिछोला में प्रदूषण भार का पुनः आंकलन जरूरी


घनी आबादी, होटलों, गेस्ट हाउस से घिरी पिछोला में प्रदूषण भार का पुनः आंकलन जरूरी

घनी आबादी और अनेकों होटलो, गेस्ट हाउस से घिरी पीछोला झील में सीवरेज व ठोस कचरे का गिरना रोकना बहुत जरूरी है। यह आग्रह रविवार को झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति एवं गांधी मानव कल्याण समिति द्वारा आयोजित श्रमदान संवाद में प्रस्तुत किया गया। झील विशेषज्ञ डॉ अनिल मेहता ने कहा कि पीछोला के समीप की वार्ड आबादी को ध्यान में रखकर सीवरेज सिस्टम बनाया गया। इसमे हर घर से निकलने वाले गंदे पानी की मात्रा के अनुरूप सीवरेज सिस्टम बना। लेकिन होटलों, गेस्ट हाउस के कारण गंदे पानी की आवक कई गुना ज्यादा हो जाती है।

 
घनी आबादी, होटलों, गेस्ट हाउस से घिरी पिछोला में प्रदूषण भार का पुनः आंकलन जरूरी

घनी आबादी और अनेकों होटलो, गेस्ट हाउस से घिरी पीछोला झील में सीवरेज व ठोस कचरे का गिरना रोकना बहुत जरूरी है। यह आग्रह रविवार को झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति एवं गांधी मानव कल्याण समिति द्वारा आयोजित श्रमदान संवाद में प्रस्तुत किया गया। झील विशेषज्ञ डॉ अनिल मेहता ने कहा कि पीछोला के समीप की वार्ड आबादी को ध्यान में रखकर सीवरेज सिस्टम बनाया गया। इसमे हर घर से निकलने वाले गंदे पानी की मात्रा के अनुरूप सीवरेज सिस्टम बना। लेकिन होटलों, गेस्ट हाउस के कारण गंदे पानी की आवक कई गुना ज्यादा हो जाती है।

पर्यटक सीजन में जब होटलों में सभी कमरे भरे होते है तब बेतहाशा पानी का इस्तेमाल होता है जो सीवर लाइनों, खुली नालियों पर भार बढ़ाता है। यही कारण है कि कई स्थानों पर मैनहोल व नालियों से सीवेज ओवरफ्लो होकर बाहर निकलता है और झील में जाता है। पर्यटक सीजन व त्योहारों पर ठोस कचरे, प्लास्टिक की मात्रा भी बढ़ जाती है।

मेहता ने कहा कि सीवर सिस्टम की दक्षता व ठोस कचरा संग्रहण व्यवस्था की एक बार ऑडिट जरूरी है ताकि आवश्यक सुधार किए जा सके। झील विकास प्राधिकरण के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पंच देवरिया से जाड़ा गणेश तक नईं सिवर लाईन डाली जानी चाहिए ताकि हनुमान घाट व पंच देवरिया मंदिर के पास गिर रहें मल मूत्र के नाले बंद हो सके। मल मूत्र से आसपास के हैंडपम्प भी प्रदूषित हो रहे हैं।

पालीवाल ने कहा कि गडीया देवरा से चाँद पोल तक 90 मीटर तक सिवर लाईन डालना व पुरानी सिवर लाईन के कनेक्शन को नईं लाईन से जोड़ना बहुत जरूरी है। ताकि तालाब का पानी सिवर लाईन में व्यर्थ बह कर बरबाद नही हो। नईं लाईन डालने का यह उपयुक्त समय है।

समाज विज्ञानी नंद किशोर शर्मा ने सुझाव दिया कि तालाब में गिर रहें मल मूत्र के नालों को रोकने के लिए अधिकारीयो व जानकार लोगों की कमेटी बनाई जाय ताकि सभी नालों की सूची बनाकर समाधान किया जा सके। शर्मा ने कहा कि एकलव्य कालोनी के पास पिछोला की रिंग रोड पर गिर रहा मल मूत्र का नाला बंद किया जाए व पेटे में भारी मात्रा में जमा कचरे, प्लास्टिक, पॉलीथिन को बरसात पूर्व हटाया जाए।

घनी आबादी, होटलों, गेस्ट हाउस से घिरी पिछोला में प्रदूषण भार का पुनः आंकलन जरूरी

संवाद पूर्व श्रमदान में पिछोला के बारीघाट से भारी मात्रा मे झील पर तैरता कचरा, पॉलीथिन, शराब की बोतले, पानी की बोतलें, घरेलू कचरा व जलीय घास निकाली गई। श्रमदान में मोहन सिंह चौहान, रमेश चन्द्र राजपूत, बंटी कुमावत, दिगम्बर सिंह, तेज शंकर पालीवाल, डॉ अनिल मेहता व नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।

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