थ्री आर टूल द्वारा प्रयोगों में जानवरों के उपयोग में कमी संभवः टेकवानी


थ्री आर टूल द्वारा प्रयोगों में जानवरों के उपयोग में कमी संभवः टेकवानी

गीतांजली कॉलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा आयोजित 2 दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप का उद्घाटन समारोह 8 जनवरी को गीतांजली सभागार में हुआ जिसमें उपरोक्त पंक्ति यूनिवर्सिटी ऑफ मिसीसिप्पी के प्रिंसिपल वैज्ञानिक व फार्माकोलोजी प्रोफेसर बाबू एल.टेकवानी ने कही जिसमें उन्होंने बताया कि थ्री आर टूल यानि रिप्लेसमेन्ट, रिडक्शन व रिफाइनमेंट टूल का इस्तेमाल करने से प्रयोगों में जानवरों का उपयोग कम किया जा सकता है

 

थ्री आर टूल द्वारा प्रयोगों में जानवरों के उपयोग में कमी संभवः टेकवानी

गीतांजली कॉलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा आयोजित 2 दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप का उद्घाटन समारोह 8 जनवरी को गीतांजली सभागार में हुआ जिसमें उपरोक्त पंक्ति यूनिवर्सिटी ऑफ मिसीसिप्पी के प्रिंसिपल वैज्ञानिक व फार्माकोलोजी प्रोफेसर बाबू एल.टेकवानी ने कही जिसमें उन्होंने बताया कि थ्री आर टूल यानि रिप्लेसमेन्ट, रिडक्शन व रिफाइनमेंट टूल का इस्तेमाल करने से प्रयोगों में जानवरों का उपयोग कम किया जा सकता है क्योंकि जब जानवरों की बजाय कंप्यूटराईज़्ड तकनीक का इस्तेमाल होगा तो जानवरों के उपयोग में स्वयं ही कमी आएगी।

उन्होंने बताया कि जानवरों पर प्रयोगों में काफी वर्षों तक परिणामों का इंतज़ार करना होता है, वहीं यदि कंप्यूटराईज़्ड विकल्प का इस्तेमाल किया जाए, तो परिणामों में समय काफी कम लगेगा। यह कार्यशाला भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित की गई है जिसका विषय है ’जानवरों पर किए जाने वाले प्रयोग के विकल्प- वर्तमान स्थिति व भविष्य में आने वाली चुनौतियां’।

इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि भारत के पूर्व ड्रग कंट्रोलर जनरल अश्विन कुमार ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। साथ ही इस कार्यक्रम में सनफार्मा फार्मास्यूटिकल्स के सीनियर मैनेजर नरेश शुक्ला, गीतांजली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आर.के.नाहर, फार्मेसी कॉलेज के डीन व कार्यशाला के संयोजक डॉ अशोक दशोरा, आयोजन सचिव वीरेंद्र सिंह, जीएमएचआर राजीव पंड्या, फार्मेसी कॉलेज की समस्त फैकल्टी व छात्र मौजूद थे। उद्घाटन समारोह में अतिथियों ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की इस वर्कशॉप की विवरणिका का विमोचन किया।

पूर्व डीसीजी अश्विन कुमार ने एनिमल क्रूएल्टी एक्ट के बारे में बात की। विशिष्ठ अतिथि आर.के.नाहर ने चर्चा करते हुए बताया कि जानवरों पर किए जाने वाले प्रयोग की वैकल्पिक प्रक्रियाओं से ड्रग्स के खर्च को कम किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न फार्मेसी कॉलेजों में भोपाल के राधेरमन कॉलेज से डॉ पापिया, आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी से डॉ एम.एल कोरी, एमएलएसयू उदयपुर से डॉ सी.पी.जैन, पेसिफिक यूनिवर्सिटी से डॉ इंद्रजीत सिंह, अलवर फार्मेसी कॉलेज से डॉ जी.जयाबेन, श्रीनाथ कॉलेज नाथद्वारा से डॉ आरएस बधोरीया, यूएसपी कॉलेज आबू रोड़ से डॉ नरेश खत्री व राजस्थान फार्मेसी परिषद जयपुर से आलोक भार्गव भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन उदिचि कटारीया व सूर्यप्रताप ने किया व धन्यवाद ज्ञापन वीरेंद्र सिंह ने किया।

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