समाप्त होते संस्कारों पर चिंतन आवश्यक


समाप्त होते संस्कारों पर चिंतन आवश्यक

देवेन्द्र महिला मण्डल की ओर से देवेन्द्र धाम भुवाणा में समाप्त होते संस्कार पर एक दिसीय कार्यशााला आयोजित की गई। जिसमें लोकेश जैन ने समाप्त होते संस्कारों पर कहा कि संस्कार समाप्त हो रहे है लेकिन ज्ञान नहीं है। ज्ञान बचेगा तो संस्कार पुनःआऐंगे लेकिन यदि ज्ञान ही नही होंगे तो संस्कार भी नहीं आयेंगे।उन्होेंने कहा कि जैनत्व कैसा हो,जीवन शैली कैसी हो जो स्वस्थ नियमित पर्यावरण से जुड़ी धार्मिक क्रियाओं व्यावहारिक रूप में बताया।

 
समाप्त होते संस्कारों पर चिंतन आवश्यक  

देवेन्द्र महिला मण्डल की ओर से देवेन्द्र धाम भुवाणा में समाप्त होते संस्कार पर एक दिसीय कार्यशााला आयोजित की गई। जिसमें लोकेश जैन ने समाप्त होते संस्कारों पर कहा कि संस्कार समाप्त हो रहे है लेकिन ज्ञान नहीं है। ज्ञान बचेगा तो संस्कार पुनःआऐंगे लेकिन यदि ज्ञान ही नही होंगे तो संस्कार भी नहीं आयेंगे।उन्होेंने कहा कि जैनत्व कैसा हो,जीवन शैली कैसी हो जो स्वस्थ नियमित पर्यावरण से जुड़ी धार्मिक क्रियाओं व्यावहारिक रूप में बताया। इस अवसर पर धाम की अध्यक्ष डॉ. सुधा भण्डारी एवं मंत्री ममता रांका  ने बताया कि आगामी 26 मई से 10 दिवसीय धार्मिक नैतिक संस्कार शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 6 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक के बालक-बालिकाएं भाग लेकर वहां सिखाये जाने वाले संस्कारों को ग्रहण कर जीवन में उतारेंगें।

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