कृषि विज्ञान केन्द्रों की क्षेत्रीय कार्यशाला उदयपुर में
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा खण्ड-टप् में कार्यरत कृषि विज्ञान केन्द्रों की दो दिवसीय कार्यशाला प्रसार शिक्षा निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दिनंाक 24 व 25 दिसम्बर, 2014 को आयोजित हो रही है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा खण्ड-टप् में कार्यरत कृषि विज्ञान केन्द्रों की दो दिवसीय कार्यशाला प्रसार शिक्षा निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दिनंाक 24 व 25 दिसम्बर, 2014 को आयोजित हो रही है।
इस कार्यशाला में राजस्थान व गुजरात के 70 कृषि विज्ञान केन्द्रों के कार्यक्रम समन्वयक भाग लेकर वर्ष 2015-16 के लिए वार्षिक कार्य योजना का खाका तैयार करेंगे।
खण्ड-टप् के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. युद्धवीर सिंह ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा स्थापित कृषि विज्ञान केन्द्र ग्रामीण भारत में रहने वाले कृषक समुदाय के लिए सतत् कार्य कर रहे हैं। ये कृषि विज्ञान केन्द्र कृषि की नवीनतम प्रौद्योगिकी को विस्तार द्वारा कृषकों के घरों तक पहुॅंचाने का एक प्रमुख ज्ञान केन्द्र है जो देश के प्रत्येक जिले में स्थापित है।
इस क्षेत्रीय कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लघु सीमान्त एवं आदिवासी कृषकों के लिए टीकाऊ खेती का प्रयास करना है। यह प्रयास समन्वित कृषि प्रणाली पद्धति, प्रसंस्करण एवं मूल्य श्रृंखला, जैव विविधिकरण, जैव दृढ फसल, फल-फसलों की उच्च घनत्व रोपण विधि, नर्सरी प्रबंधन, सब्जियों की संरक्षित खेती सहित वाणिज्यिक फसलों की तकनीकी, कार्बनिक एवं अकार्बनिक पोषक तत्वों के स्त्रोत् के माध्यम से मृदा स्वास्थ्य, सतत् कृषि हेतु फसल विविधता, कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी एवं उसका बचाव, बाजार मांग आधारित कृषि प्रसार, पोषण खेती, खेत मशीनीकरण, कृषि मौसम विज्ञान, आदि जैसे नये विषयों को सम्मिलित कर टिकाऊ खेती को सुदृढ बनाना है। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. इन्द्रजीत माथुर ने बताया कि कार्यशाला में कार्यक्रम समन्वयक के अतिरिक्त कई ख्यात वैज्ञानिक भाग लेकर एक सुदृढ़ कार्य योजना तैयार करेंगे जिससे आगामी वर्षों में ये केन्द्र अधिक प्रभावी रूप से कार्य कर सकें।
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