10 देशों के नामचीन कलाकार आएंगे उदयपुर
दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन (आसियान) और भारत के वार्ता संबंधों की 25वीं वर्षगांठ का दस दिवसीय ऐतिहासिक जश्न झीलों की नगरी उदयपुर के ‘द अनंता’ में 21 से 29 सितंबर तक मनाया जाएगा। कला के जरिए वार्ता संबंधों की प्रगाढता व उसके महत्व को दर्शाने के लिए भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और सहर के तत्वावधान में यह आयोजन होगा। आसियान के सदस्य देशों में इंडोनेशिया, सिंगापुर, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रुनेई, थाईलैंड, कंबोडिया, लाओ पीडीआर, म्यांमार और वियतनाम शामिल हैं।
दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन (आसियान) और भारत के वार्ता संबंधों की 25वीं वर्षगांठ का दस दिवसीय ऐतिहासिक जश्न झीलों की नगरी उदयपुर के ‘द अनंता’ में 21 से 29 सितंबर तक मनाया जाएगा। कला के जरिए वार्ता संबंधों की प्रगाढता व उसके महत्व को दर्शाने के लिए भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और सहर के तत्वावधान में यह आयोजन होगा। आसियान के सदस्य देशों में इंडोनेशिया, सिंगापुर, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रुनेई, थाईलैंड, कंबोडिया, लाओ पीडीआर, म्यांमार और वियतनाम शामिल हैं।
सांस्कृतिक संबंधों की ऐतिहासिक अभिव्यक्ति का अवसर
10 आसियान देशों के नामचीन कलाकार शिविर में हिस्सा लेने आएंगे। इनमें चैन सोपहॉर्न (कंबोडिया), इकरो अखमद इब्राहिम लैली सुब्खी (इंडोनेशिया), कान्हा सिकोउनावोंग (लाओ पीडीआर), मोहम्मद शहरूल हिशाम बी. अहमद तरमीजी (मलेशिया), थेट नाइंग (म्यांमार), नाफाफोंग कुराए (थाईलैंड) और गुएन घिया फुओंग (वियतनाम), भारतीय कलाकार बिनॉय वर्गीस, फरहाद हुसैन, कलाम पटुआ, कियोमी लाइश्राम मीना देवी, महावीर स्वामी, समींद्रनाथ मजूमदार और तन्मय समांता के साथ मिलकर गहरे सांस्कृतिक संबंध को दर्शाने वाली शानदार कलाकृतियां बनाएंगे।
शिविर में संस्कृति एवं कला का आदान-प्रदान होगा। इस शिविर में बनाई गई 20 पेंटिंग्स के कलेक्शन की विशेष प्रदर्शनी में रख जाएगा, जिसका उद्घाटन नई दिल्ली में जनवरी 2018 में होने वाले आसियान-भारत सम्मेलन के दौरान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
यह शिविर ‘ओशन ऑफ ऑपर्च्युनिटी’ थीम पर आधारित है, जो करीब 2000 वर्षों से भारत व दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के सभ्यता व संस्कृति के उस रिश्ते को बिलकुल सटीक ढंग से दर्शाता है, जो मैरीटाइम सहयोग के जरिए उनके बीच हैं। आसियान और भारत हमेशा एक-दूसरे के लिए सहयोग व विश्वास के स्तंभ रहे हैं और आज वे संपूर्ण विकास की राह पर साथ-साथ चल रहे हैं।
सहर के फेस्टिवल डायरेक्टर संजीव भार्गव ने बताया कि कला प्रारूपों की बेहद समृद्ध धरोहर और परंपरा से भरपूर आसियान देशों के विजुअल कलाकारों का एक साथ आना बहुत दुर्लभ अवसर है। यह शायद पहला अवसर है जब विभिन्न देशों से आने वाले ये कलाकार एक ही मंच पर प्रतिभाशाली भारतीय कलाकारों के साथ काम करेंगे और एक ही थीम पर पेंटिंग्स बनाएंगे। आसियान-भारत कलाकार शिविर का आयोजन खूबसूरत झीलों के शहर उदयपुर में होगा और यह सभी के लिए असाधारण अवसर लेकर आया है।
आसियान-भारत शिविर में पेंटिंग के विभिन्न स्टाइलों – कंटेंपररी, मॉडर्न, ट्रेडिशनल, इंप्रेशनिस्ट की पृष्ठभूमि से आने वाले कलाकार एक-दूसरे के साथ बातचीत करेंगे, साथ रहेंगे और ऐसी रचनाएं करेंगे, जो दोनों संस्कृतियों के मिलन को दर्शाएं। आसियान पहचान के बारे में जागरूकता बढाने के उद्देश्य से प्रत्येक कलाकार इस शिविर में अपने निवास के दौरान एक ऐसी रचना करेगा, जो उनकी संस्कृति एवं इतिहास को दर्शाएगी। विभिन्न जॉनर के प्रतिष्ठित पेंटर्स इन कलाकारों का मार्गदर्शन करेंगे। कलाकारों के बीच चर्चाएं होंगी, जो उनके संवाद और एक-दूसरे की क्षमता व कला प्रैक्टिस को समझने में मददगार होंगी। इस आयोजन में कई प्रतिष्ठित वक्ता उपस्थित होंगे, जो कलाकारों के साथ विभिन्न विषयों पर बातचीत करेंगे।
इस दौरान प्रतिभागियों को भी अंतरसंकाय आदान-प्रदान का अवसर मिलेगा, जब परफॉर्मिंग कलाकार जैसे डॉ. अन्वेषा महंत सत्तरिया पर एक लेक्चर-डेमो का आयोजन करेंगी और विजुअल कलाकारों के साथ बातचीत करेंगी।
शिविर के तहत एमएमपीएस स्कूल, उदयपुर के छात्रों के साथ एक वर्कशॉप का आयोजन होगा, जहां वरिष्ठ कलाकार छात्रों के साथ बातचीत कर स्कूलों में कला शिक्षा को लेकर नया रवैया विकसित करने की कोशिश करेंगे। आसियान देशों और भारत के मूल्यों व परंपराओं की गहरी समझ और जागरूकता को बढावा देने के पीछे इस कैंप का उद्देश्य प्रतिभागियों को उनके देश व शहरों में लौटने पर उन्हें आसियान और भारत का सांस्कृतिक एंबेसडर बनाना है।
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