पत्थरों की गुणवत्ता को तराषने उदयपुर में जुटेंगे देश-विदेश के नामी विशेषज्ञ
उदयपुर में पहली बार ग्लोबल स्टोन टेक्नोलॉजी फोरम (जीएसटीफ कॉन्फं्रेंस) 17 व 18 दिसंबर को उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के मादडी स्थित पीपी सिंघल सभागार में होने जा रही है।
सेंटर फॉर डवलपमेंट ऑफ स्टोन-सीडाँस, फिक्की और रीको की ओर से आयोजित इस कॉन्फंेंस में देश दुनिया की कई नामी कंपनियों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे।
कुल सात सत्रों में विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञ मल्टीवायर टेक्नोलॉजी, रिसर्च एंड वेस्ट मैनेजमेंट, निर्माण उद्योग में स्टोन डस्ट के अनुप्रयोग, स्प्लिटिंग टेक्नोलॉजी, स्टोन प्रोसेसिंग यूनिट में आधुनिकतम आयामों, नए उद्योगों व उपकरणों, वैल्यू एडिषन, स
बदलते तकनीकी दौर में स्टोन की दुनिया भी बदल गई है। माइनिंग, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, रिसर्च में नए प्रयोगों ने इस बाजार में चार-चांद लगा दिए है। अब एक तरफ जहां हम वैष्विक मानकों पर खरे उतर रहे हैं तो दूसरी ओर रोबोटिक जैसे नए क्षेत्रों में प्रवेष कर रहे हैं। मशीनों के साथ मानवीय प्रयासों से गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देकर उद्योगों को नई उंचाइयां दी जा रही है। इसी को लेकर उदयपुर में पहली बार ग्लोबल स्टोन टेक्नोलॉजी फोरम (जीएसटीफ कॉन्फं्रेंस) 17 व 18 दिसंबर को उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के मादडी स्थित पीपी सिंघल सभागार में होने जा रही है।
सेंटर फॉर डवलपमेंट ऑफ स्टोन-सीडाँस, फिक्की और रीको की ओर से आयोजित इस कॉन्फंेंस में देश दुनिया की कई नामी कंपनियों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे।
कुल सात सत्रों में विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञ मल्टीवायर टेक्नोलॉजी, रिसर्च एंड वेस्ट मैनेजमेंट, निर्माण उद्योग में स्टोन डस्ट के अनुप्रयोग, स्प्लिटिंग टेक्नोलॉजी, स्टोन प्रोसेसिंग यूनिट में आधुनिकतम आयामों, नए उद्योगों व उपकरणों, वैल्यू एडिषन, सीएनसी मषीनों और कंप्यूटर प्रयोग, अंतरराष्ट्रीय स्तर की ब्लॉक हैण्डलिंग मशीनें, ई-मार्केटिंग, ई-शॉपिंग आदि पर चर्चा की जाएगी। अंतिम सत्र में आर्किटेक्ट के साथ नए आइडियाज पर चर्चा होगी। सीडाँस सीईओ ने पत्रकारों को बताया कि हर दो साल में सीडाँस (जीएसटीफ कॉन्फं्रेंस) आयेाजित करता है। मार्बल और अन्य पत्थरों का हब उदयपुर में इसका आयोजन पहली बार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वक्त के साथ स्टोन के प्रति लोगों का नजरिया भी बदला है। अब जरूरत के अनुसार विभिन्न फिनिसेज में पसंद किया जाता हैं। नवीन तकनीक ने स्टोन उद्योगों में उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों बढा दी है। पहले दिन मार्बल उद्योगों में सीएनसी व नई मशीनों के प्रयोग, रोबोटिक टेक्नोलॉजी आदि पर चर्चा की जाएगी। जिसमें इटली के विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे। दूसरे सत्र में मल्टीवायर तकनीक पर चर्चा होगी। यह तकनीक गेंगसा तकनीक से बेहतर हैं व वर्तमान में अधिकतर व्यवसायी इसे अपनाने के लिये प्रयासरत है ं।
18 दिसंबर के सत्र में वेस्टेज को कम करने व उनके अन्य उपयोगों के लिए नई उन्नत तकनीकों पर भी चर्चा होगी। राषट्रीय संस्थान एमएनआईटी जयपुर में सीडाँस द्वारा स्टोन रसर्च चेयर स्थापित की है। ग्रेनाइट वेस्ट का कंस्ट्रक्षन वर्क में, कोटा स्टोन वेस्ट से सडकों का निर्माण, मार्बल स्लरी से जिप्सम बनाया जा सकता है। ऐसे में यह संभव हैं कि आने वाले दिनों में हमे स्टोनं स्लरी व स्टोन वेस्ट के ढेर कहीं नहीं दिखाई दें। पहले व्यर्थ समझ कर फेंक दी जाने वाली स्टोन वेस्ट का बडे पैमाने पर उपयोग हो रहा हैं।
अलीबाबा के प्रतिनिधि आएंगे दुनिया की नामी ऑनलाइन कंपनी चीन की अलीबाबा डॉट कॉम कंपनी के डायरेक्टर मैनेजमेंट क्रिस वांग कॉनफ्रेंस में स्टोन के ऑनलाइन मार्केट के बारे में बताएंगे।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए सी-मार्किंग जरूरी
यूरोपियन यूनियन से स्टोन का व्यापार करने की लिए अब सी-मार्किंग मानकों की अनुपालना है व अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों पर खरा उतरना जरूरी है। बिना इस सर्टिफिकेट के व्यापार सम्भव नहीं हो सकेगा, सी मार्किग के लिये 27 तरह के टेस्ट किए जाते हैं। उनका पूरा चरणबद्ध रिकॉर्ड भी बताना पडता है। सीडाँस ने भारत सरकार से एक्रीडीएटेड स्टोन टेस्टिंग लैब स्थापित की है।
उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स ऐसोसिएषन के अध्यक्ष शरत कटारिया ने बताया कि यह कॉन्फ्रेंस संभाग के स्टोन उद्योगों के लिए कई नए आयाम स्थापित करेगी। यहां पर नई तकनीक से रूबरू होने का मौका तो मिलेगा ही, व नए विचारों का भी आदान-प्रदान होगा। दुनिया में स्टोन एक्सपोर्ट के लिए एक बडा बाजार उदयपुर-राजसमंद में है। उदयपुर मार्बल एसोसिएषन के अध्यक्ष रोबिन सिंह ने कहा कि नए प्रयोगों से इस इंडस्ट्री में जान आ जाएगी। कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में सातवे ऑल इंडिया स्टोन आर्किटेक्चुरल अवार्डस के विजेताओं को पुरूस्कार वितरण भी किया जायेगा ।
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