आरटीआई एक्ट को लेकर बोले विभिन्न दलों के प्रतिनिधि
राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई एक्ट के दायरे में लाने को लेकर कई पार्टियों के द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। इसी को लेकर शहर के अलग-अलग पार्टियों के नेताओं द्वारा विरोध भी किया जा रहा है।
राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई एक्ट के दायरे में लाने को लेकर कई पार्टियों के द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। इसी को लेकर शहर के अलग-अलग पार्टियों के नेताओं द्वारा विरोध भी किया जा रहा है।
राजनतिक पार्टियों कों आरटीआई के दायरे मे लाने को लेकर काग्रेंस शहर जिलाध्यक्ष नीलीमा सुखाडिया का कहना है कि सर्भी पार्टियो के द्वारा इस मामले पर अलग-अलग राय व्यक्त की जा रही है, इससे पार्टियो के आय-व्यय के बारे मे जनता जान पाएगी, जिससे पारदर्शिता बढेगी और पार्टी पर लगने आरोपों एंव भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी। कांग्रेस पार्टी हाईकमान के निदेशानुसार हम प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे।
बीजेपी जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट का कहना है कि सूचना का अधिकार लागु होने से पार्टियों पर लगने वाले आरोपों में कमी आएगी और प्रत्येक कार्य का सही हिसाब रहेगा। अब तक के नियमों के मुताबित सूचना का अधिकार सिर्फ चुनाव आयोग को था; इसके विरोध को कोई आवश्यकता नहीं है, इससे तो भष्ट्राचार में कमी आएगी।
माकपा के राजेश सिंघवी का कहना है कि सूचना के अधिकार पर पहले संसद मे प्रस्ताव रखकर चर्चा की जानी चाहिए उसके कोई कदम उठाया जाना चाहिए। इस अधिकार के आने से पार्टीयों पर दबाव बढेगा और बाहरी लोगो का ज्यादा हस्तक्षेप होगा, जिससे पार्टी पर लोगों के द्वारा बेवजह हस्तक्षेप होगा।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal