अध्यापक शिक्षा के लिये जरूरी है शोध
अध्यापक शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है इसके लिये जरूरी है कि इसमें समय समय पर शोध के माध्यम से परिवर्तन लाया जाये । जितने अधिक शोध होंगे उतने ही प्रभावी इसके परिणाम भी सामने आयेंगे। इन परिणामों का मूल्यांकन कर हम समस्याओं का पता लगा ही लेंगे साथ ही इसके निवारणों पर भी योजना बन पायेगी ।
अध्यापक शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है इसके लिये जरूरी है कि इसमें समय समय पर शोध के माध्यम से परिवर्तन लाया जाये । जितने अधिक शोध होंगे उतने ही प्रभावी इसके परिणाम भी सामने आयेंगे। इन परिणामों का मूल्यांकन कर हम समस्याओं का पता लगा ही लेंगे साथ ही इसके निवारणों पर भी योजना बन पायेगी ।
यह कहना है डॉ. एस.के. त्यागी का । अवसर था जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के लोक मान्य तिलक शिक्षक महावि़ालय की ओर से आयोजित अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रम निर्माण पर आयोजित 3 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला । उन्होंने बताया कि व्यवहारिक अध्यापन शिक्षा पाठ्यक्रम समाज, शिक्षा एवं विश्व हेतु उपयोगी साबित होगा । सैद्धान्तिक एवं अति महत्वाकांक्षाओं के परे समाज की आवश्यकता अनुरूप पाठ्यक्रम निर्माण हमारा ध्येय होना चाहिये ।
अमेठी विश्वविद्यालय के डॉ0 जी.एन तिवारी ने अध्यापका शिक्षा के पाठ्यक्रम को विभिन्न आयामों एवं नवाचारों से जोडने पर जोर दिया । डॉ. एस.के. पाण्डे ने कहा कि किसी भी संस्था का वर्चस्व तभी होता है जब वहॉ का शिक्षक प्रभावी भूमिका में हो । मतलब कि शिक्षक खुद विभिन्न विषयों का ज्ञान रखेगा ।
सम सामायिकी जानकारी होगी तथा विभिन्न तकनिकी पहलुओं से अपडेट होगा । समापन समारोह में डॉ प्रेमलता गॉधी, डॉ अमीर राठौड, डॉ. सुनिता मुर्डिया, डॉ. रचना राठौड, डॉ. अमित दवे, डॉ. कैलाश चौधरी, डॉ. अमित बहेती ने भी विचार व्यक्त किये । कार्यक्रम का संचालन डॉ0 देवेन्द्र आमेटा ने किया । आभार संचालन डॉ0 सरोज गर्ग ने किया ।
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