नैतिकता के बिना जीवन में संस्कार नहीं आते
मंत्री ममता रांका ने बताया कि इस अवसर पर संस्थान की महिलाओं ने स्वागत गीत पर नृत्य की प्रस्तुति दी। समारोह में बच्चों ने नवकार मंत्र पर नृत्य की प्रस्तुति दी। उन्होेंने बताया कि बच्चों ने शिविर में 2-2 घ्ंटे की सामयिक की जो बड़े भी नहीं कर सकते है। बालिकाओं ने संस्कारों पर नाटिका की प्रस्तुति देकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। दस दिसीय शिविर में बालक-बालिकाओं द्वारा बनाये गये आर्ट एवं पेन्टिंग उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगायी गई जिसे आगन्तुको ने मुक्तकंठ से सराहा। अंत में ममता रांका ने आभार ज्ञापित किया।
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महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि जीवन में नैतिकता नहीं है तो जीवन में संस्कार नहीं आ सकते है। जीवन में दिये जाने वाले संस्कार के अनुरूप ही बच्चें उसका आचरण करते है।
वे आज श्री जैनाचार्य देवेन्द्र महिला संस्थान की ओर से भुवाणा रोड़ स्थित देवेन्द्र धाम में पिछले 10 दिनों से आयोजित किये जा रहे जैन धार्मिक नैतिक संस्कार शिविर का आज रंगारंग समापन समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि आयोजित समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि श्री जैनाचार्य देवेन्द्र महिला संस्थान ने बच्चों में जो संस्कार डालने की बीड़ा उठाया है वह आगे जा कर नये पौध के रूप में पल्लवित होगा। बच्चो को दिये जाने वाले संस्कार उसके जीवन की दिशा तय करते है।
इस अवसर पर नन्हें-नन्हें बच्चों ने शिविर के दौरान सीखें नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति दे कर सभी का मन जीत लिया। बच्चों ने नन्हें-मुन्हें बच्चें, दांत हमारें कच्चें है, कभी न झूठ बोलेंगे, दिल किसी का ना दुखायेंगे.., अरे माता-बहिनों जरा ये बता दो,मंदिर में श्रृगार भला किस लिये है..ने चुनरी मंगा दे..,नम जयती शासनम.. सहित बालिकओं ने चरी नृत्य के साथ-साथ सेव वाटर, वृद्धाश्रम एवं नेत्रदान पर नाटकों की प्रस्तुति दे कर सभी का मन जीत लिया।
समारोह में बालिकाओं ने शिविर के दौरान सीखे योग एवं मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया। शिविरार्थी बालिका कामाख्या ने दस दिनों के दौरान अर्जित किये गये ज्ञान एवं अपने अनुभव साझा किये।
समारोह में अतिथियों,सेवा सहयोगी एवं भामाशाहों चन्द्रसिंह कोठारी, फूलसिंह मीणा,इन्दरसिंह मेहता, रंजना मेहता, समाज सेवी किरणमल सावनसुखा, पूर्व जिला शिक्षाधिकारी धर्मचंद नागौरी सुशीला नागौरी, भुवाणा सरपंच संगीता चित्तौड़ा, पूर्व सरपंच अनिल चित्तौड़ा, भीमराजा रांका, सम्पत कोठारी, गणेशलाल सहलोत, वीरेन्द्र डांगी, गणेशलाल गोखरू, मानसिंह रांका, हीरालाल रांका का पगड़ी उरपना ओढ़ाकर एवं स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
शिविर में बच्चों को धर्म की कक्षा राजकुमारी पोरवाल, नीतू नावेडिया, आर्ट एण्ड पेन्टिंग की कक्षाएं विजयलक्ष्मी सामर, रेखा चित्तौड़ा, चिन्मय,प्रेम नाहर, ललिता बापना, योगा एवं नृत्य की कक्षा अशोक, गोपाल एवं शीतल जोशी के अलावा शिविर सहयोगी के रूप में अनिता भण्डारी, रूपी बाई, संध्या नाहर, मधु खमेसरा, रंजना चौहान, लीला नाहर, तरूणा, स्नेहा सिसोदिया एवं मीना बोकडि़या ने सहयेाग दिया।
प्रारम्भ में संस्थान अध्यक्ष डॉ. सुधा भण्डारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्थान द्वारा अब तक करीब 2 हजार से अधिक बालक-बालिकाओं ने संस्कार शिविर का लाभ लिया है। समय परिवर्तन के दौर में बच्चों को अपने संस्कार से जोड़े रखने के लिये ये शिविर काफी महत्वपूणू भूमिका अदा करते है।
मंत्री ममता रांका ने बताया कि इस अवसर पर संस्थान की महिलाओं ने स्वागत गीत पर नृत्य की प्रस्तुति दी। समारोह में बच्चों ने नवकार मंत्र पर नृत्य की प्रस्तुति दी। उन्होेंने बताया कि बच्चों ने शिविर में 2-2 घ्ंटे की सामयिक की जो बड़े भी नहीं कर सकते है। बालिकाओं ने संस्कारों पर नाटिका की प्रस्तुति देकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। दस दिसीय शिविर में बालक-बालिकाओं द्वारा बनाये गये आर्ट एवं पेन्टिंग उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगायी गई जिसे आगन्तुको ने मुक्तकंठ से सराहा। अंत में ममता रांका ने आभार ज्ञापित किया।
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