विद्या भवन पॉलीटेक्निक में रोबोटिक्स कार्याशाला सम्पन्न


विद्या भवन पॉलीटेक्निक में रोबोटिक्स कार्याशाला सम्पन्न

आई. आई. टी. मुम्बई के हेलीओस समूह तथा ए. आर. के. टेक्नो सेाल्यूशन के संयुक्त तत्वावधान में विद्या भवन पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में दो दिवसीय रोबोटिक्स कार्यशाला बुधवार को सम्पन्न हुई।

 
विद्या भवन पॉलीटेक्निक में रोबोटिक्स कार्याशाला सम्पन्न

आई. आई. टी. मुम्बई के हेलीओस समूह तथा ए. आर. के. टेक्नो सेाल्यूशन के संयुक्त तत्वावधान में विद्या भवन पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में दो दिवसीय रोबोटिक्स कार्यशाला बुधवार को सम्पन्न हुई।

कार्यशाला संयोजक मोहम्मद सिकन्दर शेख तथा राधाकिशन मेनारिया ने बताया कि कार्यशाला में विद्या भवन पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों ने मात्र दो दिन की अवधि में विभिन्न प्रकार के रोबोट को बनाना सीखा। ए. आर. के. टेक्नो सेाल्यूशन के विशेषज्ञ हिमांशु पण्ड्या ने प्रशिक्षण दिया।

प्राचार्य अनिल मेहता ने बताया कि विद्यार्थियों द्वारा तैयार ध्वनि संवेदी रोबोट ताली एवं चुटकी की आवाज से नियंत्रित होता है, प्रकाश संवेदी रोबोट रोशनी के प्रभाव अथवा अन्धकार में विभिन्न क्रियाएं सम्पादित कर सकते हैं एवं रूकावट संवेदी रोबोट किसी भी रूकावट के आने पर सूचना देते हैं। ऐसे रोबोट बिना टकराये चाही गयी गतिविधि कर सकते हैं।

विद्या भवन पॉलीटेक्निक में रोबोटिक्स कार्याशाला सम्पन्न

ध्वनि संवेदी रोबोट जहां घरेलू स्तर पर विभिन्न उपकरणें के नियंत्रण में मददगार साबित होगें, वहीं प्रकाश संवेदी एवं रूकावट संवेदी रोबोट नेत्रहीन लोगों के लिए एक प्रभावी मददगार बन सकते हैं। यदि सूक्ष्म आकार के इन रोबोट को नेत्रहीन लोगों की लाठी में लगा दिये जाएं तो वे उन्हें रास्ता रास्ता सुझाने व चलने में सहयोगी बनेंगे। आग जनित घटनाओं का प्रभावी रूप से नियंत्रण करने में भी रोबोट अधिक प्रभावी होते है। औद्योगिक संयत्रों एवं उपकरणों, मशीनों के नियंत्रण एवं संचालन में रोबोटिक्स उच्च स्तर की परिशुद्धता निश्चित करती है।

विभागाध्यक्ष डा. दीपक गुप्ता ने बताया कि माइक्रो कन्ट्रोलर कुछ सॉफ्टवेयर तथा सेन्सर का उपयोग कर महज कुछ हजार रूपयों में ये रोबोट बनाये जा सकते है।

विभागाध्यक्ष डा. दीपक गुप्ता ने बताया कि यह तकनीक आर्टीफिशियल इन्टलैजिस के सिद्धांत पर कार्य करती है। कुछ गणितीय सूत्रों एपं समीकरणों के उपयोग से आवश्यकता अनुरूप सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग की जाती है। इसके पश्चात माइक्रो कन्ट्रोलर चिप तथा सॉफ्टवेयर इम्बेडेड सर्किट से उपरोक्त संरचना अब कुछ हजार रूपयों में तैयार हो सकती है। उपरोक्त संरचना को हर रोबोट की आत्मा व दिमाग माना जा सकता है।

नेशनल रोबोटिक्स प्रथम चरण चैम्पियनशिप प्रतियोगिता

इस अवसर पर आयोजित नेशनल रोबोटिक्स प्रथम चरण चैम्पियनशिप प्रतियोगिता कें चयनित संभागी देवेन्द्र गहलोत, देवी सिंह बारहट, हितेष जालोरा, खेमराज तेली, अंकित पुजारी द्वितीय चरण रोबोटिक चैम्पियनशिप आई. आई. टी., मुम्बई मुम्बई में भाग लेगें।

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