पिछोला में डिसिल्टिंग के दौरान चट्टानों को तोडा

पिछोला में डिसिल्टिंग के दौरान चट्टानों को तोडा

 
पिछोला में डिसिल्टिंग के दौरान चट्टानों को तोडा
झील प्रेमियों ने पिछोला के ब्रह्मपोल क्षेत्र में डिसिल्टिंग के कार्य के दौरान चट्टानों को तोड़ने पर कठोर आपत्ति व्यक्त की है।

उदयपुर 23 जून 2020। लेकसिटी की प्रसिद्ध झील पिछोला के ब्रह्मपोल क्षेत्र में डिसिल्टिंग के कार्य के दौरान चट्टानों को तोड़कर झील के प्राकृतिक बहाव के छेड़छाड़ किये जाने को लेकर झील प्रेमियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई है। इससे पूर्व भी रिंग रोड बनाकर झील को छोटा करने का प्रयास किया गया।    

झील संरक्षण समिति के डॉ तेज राज़दान, डॉ अनिल मेहता, नंद किशोर शर्मा,  झील विकास प्राधिकरण के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि डिसिल्टिंग  एक वैज्ञानिक व तकनीकी कार्य है। इसे किसी ठेकेदार के भरोसे नही छोड़ा जाना चाहिए। डिसिल्टिंग करने से पहले जमा  मिट्टी- सिल्ट की अलग अलग जगह गहराई का आंकलन जरूरी है ताकि झीलों के चट्टानी पेंदे को कोई नुकसान नही पंहुचे।

ब्रह्मपोल पर डिसिल्टिंग के दौरान इस तरह की तकनीकी प्रक्रिया को नही अपनाने से चट्टाने तोड़ दी गई है। वर्ष 2008 में इसी स्थान पर चट्टाने तोड़ने पर भारी विवाद होकर चट्टानों से छेड़छाड़ को रुकवाया गया था। लेकिन, हाल ही शुरू डिसिल्टिंग कार्य मे पुख्ता तकनीकी सुपरविजन नही होने से चट्टानों को नुकसान पंहुचा है। यह झील के पेंदे को कमजोर करेगा।
 

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