हर माह घुटना प्रत्यारोपण सहित 10 सर्जरी नि:शुल्क करेगा सैफी बुरहानी हॉस्पीटल
शिक्षा भवन चौराहा स्थित सैफी बुरहानी हॉस्पीटल व लेकसिटी लायन्स चेरिटेबल हॉस्पीटल के संयुक्त तत्वावधान में सैफी बुरहानी हॉस्पीटल में आगामी 1 वर्ष तक जनता के लिए डॅा. सैय्यदना बुरहानुद्दीन की स्मृति में जनहित में अनेक नि:शुल्क चिकित्सकीय सेवाएं देने का संकल्प लिया है। जिसमें हड्डियों से जुड़े विभिन्न रोगों की प्रतिमाह 10 नि:शुल्क सर्जरी की जाएगी।
शिक्षा भवन चौराहा स्थित सैफी बुरहानी हॉस्पीटल व लेकसिटी लायन्स चेरिटेबल हॉस्पीटल के संयुक्त तत्वावधान में सैफी बुरहानी हॉस्पीटल में आगामी 1 वर्ष तक जनता के लिए डॅा. सैय्यदना बुरहानुद्दीन की स्मृति में जनहित में अनेक नि:शुल्क चिकित्सकीय सेवाएं देने का संकल्प लिया है। जिसमें हड्डियों से जुड़े विभिन्न रोगों की प्रतिमाह 10 नि:शुल्क सर्जरी की जाएगी।
हॉस्पीटल के प्रशासक फखरूद्दीन चक्कीवाला ने आज आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि सैय्यदना सहब की स्मृति में चिकित्सा क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में इस हॉस्पीटल में प्रति माह नि:शुल्क एंव रियायती शुल्क पर ईलाज, जांच एवं सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी।
हॉस्पीटल के वरिष्ठ एंव अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आर्थोपेडिक सर्जन डॅा. सोलह मोहम्मद कागजी ने बताया कि अस्थि रोग संबंधी सर्जरी पोलियो,डिस्क प्रोलेप्स,घुटना प्रत्यारोपण की 10 सर्जरी नि:शुल्क की जाएगी।
लेकसिटी लायन्स चेरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमेन राजीव मेहता ने बताया कि सर्जरी का खर्च लेकसिटी लायन्स चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सैफी हेल्थकेयर ट्रस्ट द्वारा वहन किया जाएगा। इसके हॉस्पीटल में अलावा प्रतिदिन शहर के प्रसिद्ध फिजियोथैरेपिस्ट डॅा.आर.के.जैन की देखरेख में नि:शुल्क फिजियोथैरेपी करवायी जाएगी।
डॅा. कागजी ने बताया कि पूरे वर्ष प्रतिदिन 10 सोनोग्राफी मात्र 200 रूपयें में की जाएगी। साथ ही विभिन्न स्थानों पर डायबिटीज, मोटापा नियन्त्रण, एवं उसका ईलाज मिनोपोज, ब्रेस्ट एवं सर्वाईकल केन्सर,थायराईड,ह्दय रोग,रक्तदान शिविर आयोजित कर रोगियों को राहत प्रदान की जाएगी।
पूरे जुलाई में ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, आदि जांच नि:शुल्क की जाएगी। जिसके लिए स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॅा. लीला मेहता एंव डॅा. ज्योति चौधरी, वरिष्ठ फिजिशियन गुलाब सिब्तेन, डॅा. ईनायत हातिमी एंव अन्य चिकित्सक अपनी नियमित सेवायें देते रहेंगे।
डॅा. ज्योति चौधरी ने बताया कि जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में मिनोपोज संबंधी समस्या पर हॉस्पीटल में एक साप्ताहिक शिविर आयोजित किया जाएगा। लगभग 60 प्रतिशत महिलाओं को मीनोपौज़ की कोई न कोई परेशानी होती है। 20 प्रतिशत महिलाओं को गंभीर बीमारियाँ हो जाती हैं। लगभग 20 प्रतिशत महिलाएं अच्छी तरह सजग संघर्षशील स्वरूप और खुश तथा उपयोग रह कर शेष जीवन को आनन्दमयी बनाये रखती हैं। ज्यादतर ये वो महिलाऐं होती है जो आत्म सम्मान से जीना जानती हैं।
उन्होनें बताया कि सर्वे में बताया गया है कि सन् 2020 तक भारत में प्रौढ़ महिलाओं की संख्या 36 मिलियन से बढक़र 63 मिलियन हो जाएगी। ऐसे में वृद्धा स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियंा बढ़ेगी। वर्तमान जीवन शैली में जीने में आये बदलावों के कारण शारीरिक, मानसिक और भावात्मक बदलावों और परेशानियों को झेलना पड़ता है। हड्डियों की कमजोर, जोड़ों के दर्द, हृदय, स्नायुतंत्र और दिमाग, मूत्र, किडनी और गर्भाशय के रोग, शुगर और मोटापे की बीमारियाँ आदि आदि के साथ डिप्रेशन अकेलापन आदि घेरते हैं।
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