बच्चों को बचाएं बुरी संगत से: आचार्य शान्ति सागरजी
मनुष्य सांसारिक कार्यों में जितना उलझता है उतना ही वह भटकता है। लेकिन चाहे कुछ ही समय के लिए ही सही मनुष्य अगर धर्म- ध्यान में अपना समय लगाए तो उसे भटकाव और बिखराव से तो मुक्ति मिलेगी ही, उसके मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होगा। मोक्ष प्राप्ति हर मनुष्य का जन्म सिद्घ अधिकार है।
मनुष्य सांसारिक कार्यों में जितना उलझता है उतना ही वह भटकता है। लेकिन चाहे कुछ ही समय के लिए ही सही मनुष्य अगर धर्म- ध्यान में अपना समय लगाए तो उसे भटकाव और बिखराव से तो मुक्ति मिलेगी ही, उसके मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होगा। मोक्ष प्राप्ति हर मनुष्य का जन्म सिद्घ अधिकार है। यह विचार आचार्य शान्तिसागरजी महाराज ने हुमड भवन में आयोजित धर्मसभा में उपस्थित श्रावकों के समक्ष व्यक्त किये।
आचार्यश्री ने कहा कि मन, वचन, काया से देव, शास्त्र, गुरू को नम्रता भाव तथा अहंकार को त्याग कर नमस्कार कर उनकी उपासना करें तो मनुष्य का जीवन बदल सकता है। कई बार दुनिया में प्रलय आने या विनाश होने का भ्रम फैला दिया जाता है, जिससे आमजन विचलित हो उठता है, लेकिन आगम शास्त्र के अनुसार अडतीस हजार वर्षों तक इस सृष्टि पर कोई भी आंच नहीं आ सकती और धर्म ऐसे ही जिन्दा रहेगा।
आचार्यश्री ने कहा कि बुरी आदतों से बच्चों का जीवन कुछ समय के लिए तो खराब हो सकता है , लेकिन बुरी संगति में अगर बच्चा लग जाए तो उसका पूरा जीवन ही बिग$ड सकता है। इसलिए बच्चों को हमेशा बुरी संगति से बचाकर रखना चाहिये। बचपन से ही उन्हें संस्कारित बनाने के प्रयास करने चाहिये।
प्रचार प्रसार मंत्री पारस चित्तौ$डा ने बताया कि धर्मसभा में दीप प्रज्वलन, पाद प्रक्षालन, चित्र अनावरण, शास्त्र भेंट, एवं गुरूपूजा के पुण्यार्जक भैरूलाल रोशनलाल, ललित कुमार देव$डा परिवार, हेमराज मुकेश कुमार, लोकेश कुमार मुण्डलिया परिवार थे।
कार्यवाहक अध्यक्ष सेठ शान्तिलाल नागदा ने बताया कि धर्मसभा में मंगलाचरण एवं गुरूभक्ति भजन ब्रह्मचाारिणी बहन बसन्तीदेवी ने किया। सभा का संचालन सेठ शान्तिलाल नागदा ने किया। सायंकाल 7 बजे पंचपरमेष्ठी व आचार्यश्री की आरती की गई। रात्री 8 बजे शास्त्र पूजन के साथ ही विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन हुए।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal