सैय्यदी लुकमान जी साहब का उर्स मनाया गया

सैय्यदी लुकमान जी साहब का उर्स मनाया गया

उदयपुर, 5 अप्रेल 2019 । बोहरवाड़ी के लुकमान मार्ग स्थित सैय्यदी लुकमान जी साहब का सालाना उर्स आज निहायत अदब और एहतराम के साथ मनाया गया। उर्स के मौके पर सैय्यदी लुक़मान जी साहब की दरगाह पर विशेष विद्युत सज्जा की गई है। इस मौके पर समुदाय के लोगो ने बड़ी संख्या दरगाह में ज़ियारत कर फूल, चादर आदि चढ़ाकर अपनी श्रद्धा प्रकट की।

 

सैय्यदी लुकमान जी साहब का उर्स मनाया गया

उदयपुर, 5 अप्रेल 2019 । बोहरवाड़ी के लुकमान मार्ग स्थित सैय्यदी लुकमान जी साहब का सालाना उर्स आज निहायत अदब और एहतराम के साथ मनाया गया। उर्स के मौके पर सैय्यदी लुक़मान जी साहब की दरगाह पर विशेष विद्युत सज्जा की गई है। इस मौके पर समुदाय के लोगो ने बड़ी संख्या दरगाह में ज़ियारत कर फूल, चादर आदि चढ़ाकर अपनी श्रद्धा प्रकट की।

दाऊदी बोहरा जमाअत के प्रवक्ता मनसूर अली ओड़ावाला ने बताया की सुबह सवेरे ही बोहरवाड़ी स्थित सैय्यदी लुक़मान जी साहब की दरगाह पर बड़ी संख्या में बोहरा समुदाय के स्त्री-पुरुष और बच्चे दरगाह पहुँचे जहाँ मुल्ला पीर अली की सदारत में कुल की रस्म पूरी की गई और सैय्यदी लुक़मान जी साहब की शान में क़सीदे पढ़े गये। सैयदी लुक़मान जी की दरगाह पर बोहरा यूथ की और से मजार पर मखमली चादर चढ़ाकर बारिश और मुल्क में अमन, चैन और हर देशवासी की उन्नति की कामना की गई।

सैय्यदी लुकमान जी साहब के उर्स की पूर्व संध्या पर कल शाम को वजीहपुरा मस्जिद में मजलिस का आयोजन किया गया। वहीँ आज शाम को बोहरवाड़ी स्थित जमातखाने में सामूहिक नियाज का भी आयोजन भी किया गया।

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शिया दाउदी बोहरा समाज के प्रवक्ता डा. बी. मूमिन ने बताया कि गुरुवार को फजर की नमाज के बाद दरगाह सहन में कुल की मजलिस आयोजित की गई। मजलिस की शुरुआत कुरआन की तिलावत से हुई। जायरीनो ने फूल चादर चढाकर जियारत की एवं अपने लिये दुआये मांगी।

डा. मूमिन ने बताया कि इससे पूर्व बुधवार को उर्स मुबारक की पूर्व संध्या पर स्थानीय मोईयदपुरा मस्जिद में मगरिब व ईशा की नमाज के बाद मजलिस आयोजित हुई । जिसमे लुकमान जी साहब की शान में मदहे व कसीदे पढे गये । आपकी शानात व फजीलतों का जिक्र किया गया। मौला इमाम हुसैन व कर्बला के शहीदों का जिक्र कर मातमी नौहे पढे गये। मजलिस के बाद दरगाह में चन्दन व गुसल की रस्म अदा की गई। सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैुफुद्दीन साहब की तरफ से मखमली व फूलो की चादर चढाई गई व जियारत कर दुआये मांगी गई विशेषरुप से अपने गुनाहों की तगफिरत के लिये, अपने रुहानी पेशवा सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब की रुह के सवाब के लिये। 53वें दाई-उल-मुतलक डा. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब की उम्र दराजी व सेहतो आफियत के लिये एवं अपने मुल्क हिन्दुस्तान में अमन व खुशहाली के लिये दुआये मांगी गई। सभी सेक्टर में नियाज-ए-हुसैन के आयोजन भी हुए

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