स्कूल अध्यापिका ने की देहदान की घोषणा
बच्चों में शिक्षा कि ज्योत जगाने वाली एक अध्यापिका ने एक उदहारण प्रस्तुत करते हुए आज मरणोपरांत देहदान करने की घोषणा की। उन्होंने मरणोपरांत शरीर दान देने का महत्व समझाया और देह दान का संकल्प लिया। इस फैसले में परिवार के सभी सदस्य अध्यापिका के साथ हैं।
बच्चों में शिक्षा कि ज्योत जगाने वाली एक अध्यापिका ने एक उदहारण प्रस्तुत करते हुए आज मरणोपरांत देहदान करने की घोषणा की। उन्होंने मरणोपरांत शरीर दान देने का महत्व समझाया और देह दान का संकल्प लिया। इस फैसले में परिवार के सभी सदस्य अध्यापिका के साथ हैं।
रेखा बताया कि यह घोषणा उसने अपनी इच्छा से की है। उन्होंने समझाया की एमबीबीएस और बीडीएस की शिक्षा में मृत देह का ठीक वैसे ही महत्व है जैसे किसी मकान के निर्माण में नींव का।
रेखा ने अपने परिवार के साथ जिला कलेक्टर को देहदान करने का पत्र सौंपा है। इस मौके पर रेखा के पति जगदीश मेनारिया ने बताया कि रेखा पिछले कई वर्षो से देहदान की इच्छा जाहिर कर रही थी। जिस पर सभी परिजनों ने भी रेखा के इस निर्णय का स्वागत किया।
रेखा राजसमंद जिले में सरकारी अध्यापिका है और इसके दो छोटे बच्चे भी है जिन्होंने भी आपनी माँ के इस फैसले में साथ दिया है।
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