विज्ञान और तकनीक खुशहाली का साधन है साध्य नही- प्रो. चौहान
गिट्स में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह आयोजित हुआ जिसमेंयह उपरोक्त पंक्ति प्रो. विजयालक्ष्मी चौहान ने कही। इस समारोह के तीसरे दिन विज्ञान तकनीकी प्रबंधन और खुशहाली के नवाचारों के अंतर्गत लगभग 45-50 शोधपत्रों का वाचन हुआ। यह सभी पत्र एक खुशहाली के मॉडल को निर्मित करने में अपनी सहभागिता ज्ञापित करते हैं। जीवन जीने […]
गिट्स में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह आयोजित हुआ जिसमेंयह उपरोक्त पंक्ति प्रो. विजयालक्ष्मी चौहान ने कही। इस समारोह के तीसरे दिन विज्ञान तकनीकी प्रबंधन और खुशहाली के नवाचारों के अंतर्गत लगभग 45-50 शोधपत्रों का वाचन हुआ। यह सभी पत्र एक खुशहाली के मॉडल को निर्मित करने में अपनी सहभागिता ज्ञापित करते हैं। जीवन जीने की कला न अनुसरण से प्राप्त होती है और न ही किसी अन्य साधन एवं साध्य से।
मूलतः इस सम्मेलन में विज्ञान तकनीक प्रबंधन मानव जीवन की खुशहाली एवं गुणवत्ता को कैसे अग्रसर करती है कि प्रकल्पना का सत्यापन है। प्रो. चौहान ने कहा कि विज्ञान और तकनीक खुशहाली का साधन है साध्य नही है। यह उस दुधारी तलवार की तरह है जो श्रेष्ठता भी देते है और हिंसात्मकता के व्यवहारको नष्ट करते है।खुशहाल जीवन जीने के लिए आत्मप्रबंधन की आवश्यकता है। इसके अंतर्गत क्या सही है और क्या गलत इसका मूल्यांकन किया जाए।
विज्ञान और तकनीक साधन है जो जीवन के सदुपयोग के लिए है, ना कि दुरूपयोग के लिए। अनुसंधान पत्रों के माध्यम से इस सम्मेलन का दुरगामी प्रभाव है जो लोगों की इस मानसिकता को दूर करता है कि विज्ञान और तकनीक शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का हनन नही करता अपितु संसाधन की उपयुक्तता व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है। विकास की धारणा मानव खुशहाली को .प्रन्नोत करने की है। इसके लिए यह सम्मेलन प्रभावशाली तथा स्वास्थ्य, खुशहाली और समरसता को आगे बढ़ाता है।
नोर्थ इस्टर्न यूनिवर्सिटी अमरीका के सुप्रसिद्व प्रो. जय मुल्की ने गिट्स के समस्त व्याख्याताओं के साथ फेकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जिसमें शिक्षा क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के उपयोग एवं टीचिंग मेथोडोलोजी को बेहतर करने के टिप्स दिए। साथ ही बोवी स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रो. सदानंद श्रीवास्तव ने गिट्स के समस्त व्याख्याताओं के साथ करिब 2 घंटे तक आधुनिक तकनीकों, प्रबंधन नीतियों एवं विज्ञान पर विचार-विमर्श किया।समापन समारोह के अंत में एकेडमी ऑॅफ वेल ब्रिग सोसायटी द्वारा प्रो. वेणुगोपाला राव, शक्तिसिंह एवं गिरीश आमेटा को उनके द्वारा अभूतपूर्व कार्य के लिए सम्मानित किया।इससे पूर्व गुजरात एकेडमी ऑॅफ साइकोलोजी के प्रो. एस सी कानावाला एवं डॉ रश्मि कानावाला द्वारा पूर्व अध्यक्ष एवं डीन व आचार्य मनोविज्ञान प्रो. विजयालक्ष्मी चौहान को उत्तम शिक्षण सेवा के लिए ’’लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड’’ दिया।
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