द्वितीय राष्ट्रीय छात्र प्रोजेक्ट प्रतिस्पर्धा का समापन
कंप्यूटर सोसायटी आफ इंडिया, उदयपुर तथा प्रौधोगिकी एंव कृषि अभियांत्रिकी महाविधालय के संयुक्त तत्वावधान में द्वितीय राष्ट्रीय छात्र प्रोजेक्ट प्रतिस्पर्धा का समापन कम्पयूटर इंजीनियरिंग विभाग के सभागार में हुआ।
कंप्यूटर सोसायटी आफ इंडिया, उदयपुर तथा प्रौधोगिकी एंव कृषि अभियांत्रिकी महाविधालय के संयुक्त तत्वावधान में द्वितीय राष्ट्रीय छात्र प्रोजेक्ट प्रतिस्पर्धा का समापन कम्पयूटर इंजीनियरिंग विभाग के सभागार में हुआ।
समारोह के विशिष्ट अतिथि डा. आर. के व्यास, प्रोफेसर, दिल्ली यूनिवसिटी ने बताया कि आज के समय में छात्र अधिक ज्ञान रखते हैं और नये विचारों एवं नवाचारों से परिपूर्ण हैं। हमें देश के छात्रों के बुद्धिमता एवं ज्ञान के दृषिटकोण को बढाना चाहिए।
समारोह के प्रारम्भ में सी.एस. आर्इ. उदयपुर स्कन्ध के अध्यक्ष एम.एल. तलेसरा, ने सभी अतिथियों का स्वागत किया डा. धर्मसिंह ने बताया कि इस प्रतिस्पर्धा से देश के विभिन्न प्रान्तों 17 प्रतिभागीयों ने हिस्सा लिया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रौधोगिकी एंव कृषि अभियांत्रिकी महाविधालय के अधिष्ठाता डा. एन.एस. राठोड़ ने समापन समारोह में अपने विचार व्यक्तत करते हुए बताया कि नर्इ र्इ-सेंसर युक्त उच्च तकनीक के विकास पर प्रबल जोर दिया जाना चाहिए जिससे कृषि क्षैत्र में समावेश कर कृषि उत्पादता को देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को बढाया जा सके।
प्रतिस्पर्धाओं को विडियो कान्फ्रेसिंग से सम्बोधिक करते हुए प्रो. एस.वी. राघवन, वैज्ञानिक सचिव, भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहाकार ने कहा कि कम्प्यूटर के क्षैत्र में विभिन्न चुनौतिया एवं और आगे बढने के अवसर हैं। उन्होंने कम्पयूटर सिस्टम के विभिन्न डिजाइनों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें गुगल और विकिपिडया से अंनुसंधान कर सभी तरह की सूचनाए प्राप्त होती है और हमारी आवश्यकतानुसार प्रांसगिक सूचनाओं का उपयोग कर सकते हैं।
इसके उपरान्त उन सूचनाओं का अनुकरण कर लाभ लिया जा सकता है। उन्होनें जोर दिया है कि उपभोक्ता किस तरह से समस्या का समाधन करने में योगदान दे सकते है।
समारोह के विशेष अतिथि डा. आर. के. व्यास ने बताया कि मुझे प्रतिभाशाली छात्रों को जज करने का मौका मिला उन्होनें कहा कि युवाओं को अपने रचनात्मक विचारों को जाया नहीं करना चाहिए बलिक उधोग एवं सरकारी संगठन के साथ मिलकर उन्हें लागू करना चाहिए।
इस समारोह मे रीजन 3 के छात्र संयोजक ड़ा. आर. एस. शेखावत, जनरल मैनेजर, सिक्योर मीटर ने अपने उदबोधन में कहा कि हमें सभी रिजन के छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि उनके प्रोजेक्ट में अधिक गुणवत्ता आए। उन्होने बताया कि यह गतिविधि छात्रों में रचनात्मक एवं नवाचार को बढाने में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
इस द्वितीय राष्ट्रीय छात्र प्रोजेक्ट प्रतिस्पर्धा 2013 में प्रथम विजेता के एल यूनिवर्सिटी, गुनतुर के सायचन्द उपूतूरी अलखनंदा वैमपल्ला, द्वितीय विजेता द्रोणाचार्य कालेज आफ इंजीनियरिंग, गुडगाव, के सूर्यमणी शर्मा, प्रौधोगिकी एंव कृषि अभियांत्रिकी महाविधालय के फागुन सिंह बया एवं तृतीय विजेता पी ई एस. मार्डन कालेज आफ इंजीनियंरिग, पूणे के कल्याणी जोशी माधुरी जादव रहे।
इस प्रतियोगिता के प्रथम पुरूस्कार विजेता के.एल. यूनिवर्सिटी, गुनतुर (ए.पी) के साय चन्द उपूतूरी अलक्षननदा वैमपल्ला रहे जिन्होनें बायोमेटि्रक व्यवहार से एडवांस आथेटिकेशल सिस्टम का अविष्कार किया।
इस प्रतियोगिता के द्वितीय पुरूस्कार विजेता द्रोणाचार्य कालेज आफ इंजीनियरिंग, गुडगाव के सूर्यमनी शर्मा ने Multi-functional Robotic System बनाया।
इस प्रतियोगिता के दूसरे द्वितीय पुरूस्कार विजेता कालेज आफ टेक्नोलोजी एवं इंजीनियंरिग, उदयपुर के फागुन सिंह बया ने Remote Wireless Sensor Analysis and Controlling बनाया।
इस प्रतियोगिता के तीसरे पुरूस्कार विजेता पी.र्र्इ,एस. मार्डन कालेज आफ इंजीनियंरिग, पूणे के कल्याणी जोशीमाधुरी जादव जिन्होने USB to USB Data Transfer without Computer का आविष्कार किया।
समारोह का संचालन कम्पयूअर इंजीनियरिंग विभाग की सहायक प्राधायापक कल्पना जैन ने किया तथा धन्यवाद की रस्म संस्था के सचिव डा मजहर हुसैन ने अदा की।
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