स्वयं स्तन परीक्षण कार्यशाला का आयोजन


स्वयं स्तन परीक्षण कार्यशाला का आयोजन

नारीत्व संस्थान की ओर से कोटड़ा में स्वयं स्तन परीक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। संस्थान की निदेशिका ज्योति चैहान ने बताया कि नारीत्व संस्थान स्तन कैंसर जागरूकता के लिए पिछले तीन वर्षों से कार्यरत है। संस्थान ने ग्रामीण क्षेत्रों में समस्त महिलाओं की स्तन केंसर की स्क्रीनिंग एवं स्वंय स्तन परीक्षण की ट्रेनिंग का लक्ष्य निर्धारित किया है।

 
स्वयं स्तन परीक्षण कार्यशाला का आयोजन

नारीत्व संस्थान की ओर से कोटड़ा में स्वयं स्तन परीक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। संस्थान की निदेशिका ज्योति चैहान ने बताया कि नारीत्व संस्थान स्तन कैंसर जागरूकता के लिए पिछले तीन वर्षों से कार्यरत है। संस्थान ने ग्रामीण क्षेत्रों में समस्त महिलाओं की स्तन केंसर की स्क्रीनिंग एवं स्वंय स्तन परीक्षण की ट्रेनिंग का लक्ष्य निर्धारित किया है।

प्रोजेक्ट दिव्य ज्योति के अंतर्गत इस हेतु कोटड़ा एवं आस-पास के समस्त गाँवों को गोद लिया है। प्रोजेक्ट के द्वितीय चरण में ब्लाॅक मीटिंग में कोटड़ा एवं आस-पास के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों की ए.एन.एम. महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं हेल्थ वर्कर्स को स्वंय स्तन परीक्षण की जानकारी एवं महत्व के बारे में बताया गया साथ ही बच्चेदानी के केंसर में प्रारम्भिक जांच का महत्व एवं इससे कैसे बचे समझाया गया ताकि समस्त ए.एन.एम एवं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मदद से प्रत्येक महिला को इसकी जानकारी दी जा सके एवं संभावित लक्षणों से पीडित महिला की तुरन्त स्क्रीनिंग कर ईलाज दिया जा सके और कैंसर से होने वाली मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।

कार्यक्रम में सी.एम.एच.ओ. डाॅ. संजीव टाँक, ब्लाॅक सी.एम.एच.ओ. डाॅ. शंकरलाल ने नारीत्व संस्थान की ओर से किये जा रहे प्रोजेक्ट एवं कैंसर जागरूकता कार्यक्रमों की सराहना की और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से इस प्रोजेक्ट में हर संभव मदद देने का आश्वासन देते हुए बताया कि भारत में महिलाओं में होने वाली मौतों में कैंसर प्रमुख कारण है और कैंसर से होने से वाली 50 प्रतिशत मौतें स्तन कैंसर एवं सर्वाइकल कैंसर से होती है। जिनका प्रारम्भिक अवस्था में ही पता लगने पर पूर्णतया ईलाज सम्भव है एवं इनसे बचा जा सकता है।

संस्थान की निदेशिका श्रीमती ज्योति चैहान ने बताया कि कार्यशाला में डाॅ. सत्यनारायण, डाॅ. निधि मिश्रा, डाॅ. डी.सी. खरे, डाॅ. महेन्द्र डामोर, मोहन डाँगी, सीता डाँगी एवं सोना डाँगी का सक्रिय योगदान रहा और प्रोजेक्ट दिव्य ज्योति को सफल बनाने हेतु उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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