स्वाध्याय से पैनी होती है बुद्धि : कनकश्रीजी
आचार्य महाश्रमण के सलाहकार मंडल बहुश्रुत परिषद् की सदस्या विदुषी साध्वी कनकश्रीजी ने कहा कि स्वाध्याय में एक विशिष्टता है। स्वाध्यायी व्यक्ति दूसरों की आलोचना से, बुरे विचारों से खुद को बचा सकता है। स्वाध्याय करते -करते व्यक्ति ध्यान की सिद्धि में प्रवेश कर जाता है जिससे आत्मा निर्मल हो जाती है।
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आचार्य महाश्रमण के सलाहकार मंडल बहुश्रुत परिषद् की सदस्या विदुषी साध्वी कनकश्रीजी ने कहा कि स्वाध्याय में एक विशिष्टता है। स्वाध्यायी व्यक्ति दूसरों की आलोचना से, बुरे विचारों से खुद को बचा सकता है। स्वाध्याय करते -करते व्यक्ति ध्यान की सिद्धि में प्रवेश कर जाता है जिससे आत्मा निर्मल हो जाती है।
वे शनिवार को श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की ओर से अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में पर्युषण के दूसरे दिन स्वाध्याय दिवस पर धर्मसभा को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी ने स्वाध्याय की प्रेरणा दी। स्वाध्याय से बुद्धि की धार पैनी होती है। अगर आपके पास धार्मिक सम्पदा नहीं है तो आप सदैव गरीब ही रहेंगे। जैन धर्म का सिद्धान्त है कि प्रत्येक आत्मा अपूर्ण से पूर्ण, असत्य से सत्य होकर आत्मा से परमात्मा बन सकती है।
साध्वीश्री कनकश्रीजी ने श्रावक-श्राविकाओं को भगवान महावीर के जन्म लेने के पश्चात् आध्यात्मिक विकास, चेतना विकास, सम्यकत्व का प्रकाश और भगवान महावीर के परमात्मा को प्राप्त करने सम्बन्धी प्रसंगों की जानकारी दी।
साध्वीश्री मधुलता ने स्वाध्याय से सिद्धी पर प्रवचन में कहा कि साहित्य में वह सब कुछ है जो जीवन की अपूर्णता को पूर्ण करता है, साहित्य व स्वाध्याय की महिमा अपरम्पार है। स्वाध्याय के रूप में यदि हम नमस्कार मंत्र का जाप भी कर लें तो वह हमारे जीवन की दिशा को बदल देता है परन्तु सिर्फ मंत्र के उच्चारण मात्र से यह नहीं होगा, अपितु मंत्र को भीतर उतारना होगा। भीतर जब कोई बात जाती है तभी हमारा उद्धार होता है।
तेरापंथ सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि पर्युषण के तीसरे दिन साध्वीश्री कनकश्रीजी के सानिध्य में सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं को अभिनव सामायिक के प्रयोग बताए जाएंगे। इससे पूर्व आचार्य तुलसी के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का पावर पाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रदर्शन किया जाएगा। आरंभ में नमस्कार महामंत्र का जाप हुआ एवं मंगला चरण चन्द्रा बोहरा व बहनों ने प्रस्तुत किया।
इससे पूर्व शुक्रवार देर शाम तेरापंथ युवक परिषद द्वारा आयोजित एकल गीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संयोजक विनोद मांडोत ने बताया कि इस अवसर पर दो वर्गों में हुई एकल गीत प्रतियोगिता में कनिष्ठ वर्ग में प्रेक्षा बोहरा, जया फत्तावत, प्रियल मेहता तथा वरिष्ठ वर्ग में रवि बोहरा, मोनिका कोठारी तथा रिची सिंघवी क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। स्वागत परिषद के अध्यक्ष अभिषेक पोखरना ने किया। आभार सोहन मेहता ने व्यक्त किया। प्रतियोगिता के प्रायोजक लक्ष्मण भावना शाह थे।
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