'नैतिक मूल्य व साहित्य' विषयक संगोष्ठी


'नैतिक मूल्य व साहित्य' विषयक संगोष्ठी

गुरुनानक कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा शनिवार को संगोष्ठी आयोजित कि गई जिसमें साहित्य व नैतिक मूल्यो पर विशद चर्चा कि गई।

 
'नैतिक मूल्य व साहित्य' विषयक संगोष्ठी

गुरुनानक कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा शनिवार को संगोष्ठी आयोजित कि गई जिसमें साहित्य व नैतिक मूल्यो पर विशद चर्चा कि गई। 

प्राचार्य प्रो एन एस राठौड़ ने बताया कि महाविद्यालय सभागार में आयोजित ‘नैतिक मूल्य व साहित्य’ विषयक संगोष्ठी के मुख्या वक्ता मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय मानविकी संकाय अध्यक्ष व कला महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो शरद श्रीवास्तव थे।

संगोष्ठी में प्रो शरद श्रीवास्तव ने कहा कि साहित्य हमारे जीवन का मूलाधार हे। साहित्य मनुष्य जीवन के सामाजिक; राजनेतिक व नैतिक मूल्यो का संवाहक है।

'नैतिक मूल्य व साहित्य' विषयक संगोष्ठी

उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्य व् मानवीय मूल्यो कि स्थापना करने वाला साहित्य ही हे। वर्त्तमान में नैतिक मूल्यो कि गिरावट का मुख्य कारण साहित्य पाठको कि प्रवर्ति में कमी होना हे।

साहित्य सृजन तो पर्याप्त हो रहा है, परन्तु साहित्य से वियक्तित्व विकास व् नैतिक मूल्यो को अंगीकार करने के प्रयास शिथिल होते जा रहे हैं।

संगोष्ठी में मुख्य अतिथि संस्थान सचिव अमरपाल सिंह पाहवा ने कहा कि साहित्यकार सृजन के क्षणो में जीता हे तो पाठक पढ़ने के क्षणो में नैतिक मूल्यो का परिस्कार करता हे।

इस अवसर पर संस्थान अध्यक्ष महिंद्रपाल सिंह लिखारी एवं प्रबंध समिति सदस्य अमरजीत सिंह चावला ने भी अपनी सहभागिता प्रदान कर संगोष्ठी में उपस्थित छात्राओ का उत्साह वर्धन किया।

प्राचार्य प्रो एन एस राठोड़ ने मनुष्य जीवन में नैतिक मूल्यो को बढ़ावा देने पर बल दिया। संगोष्ठी का संचालन अंग्रेज़ी विभागाधीयक्ष डॉ. रेखा तिवारी ने किया व् धन्यवाद प्राध्यापक जयेश मेहता ने ज्ञापित किया।

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