भरण पोषण भत्ते के लिए वरिष्ठ नागरिक कर सकते है आवेदन
माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007, जिला समन्वय समिति की बैठक मंगलवार को जिला कलक्टर आशुतोष ए.टी.पेडणेकर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007, जिला समन्वय समिति की बैठक मंगलवार को जिला कलक्टर आशुतोष ए.टी.पेडणेकर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
जिला कलक्टर ने बताया कि यह अधिनियम राजस्थान में एक अगस्त 2008 से प्रभावी हो चुका है। इसके अन्तर्गत राजस्थान सरकार माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण नियम 2010, 18 जून 2010 से लागू हो गये है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक मान्धाता सिंह ने बताया कि 60 वर्ष के अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक, जो स्वयं का भरण पोषण करने में असमर्थ है, वे अपनी संतानोंं व उत्तराधिकारियों से मासिक भत्ता प्राप्त करने के लिए भरण पोषण अधिकरण प्रत्येक उपखण्ड मुख्यालय पर उपखण्ड अधिकारी को आवेदन कर सकते है।
अधिकरण दोनों पक्षकारों की राय के आधार पर सुलह अधिकारी निर्दिष्ट कर सकता है, जिसमें उचित योग्यता वाले व्यक्तियों का पैनल तैयार किया जायेगा। अधिकरण सुनवाई से पहले मामले को सुलह अधिकारी के पास प्रस्तुत कर सकते हैं जिसे सुलह अधिकारी एक माह के भीतर कार्यवाही पूर्ण कर रिपोर्ट अधिकरण को देगा। समझौता होने की स्थिति में सुलह अधिकारी समझौते का प्रारूप तैयार कर दोनो पक्षकारों से हस्ताक्षरित करायेगा व समस्त रिपोर्ट एक माह के भीतर अग्रेषित करेगा। समझौता न हो पाने की स्थिति में अधिकरण नियमानुसार कार्यवाही करेगा। अधिकरण के समक्ष सहायता की मांग करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को वृद्घाश्रम सुविधा उपलब्ध करायी जा सकती है।
अधिकरण द्वारा पक्षकारों की सुनवाई के उपरान्त अधिकतम दस हजार की राशि के भरण पोषण का आदेश किया जा सकता है व आदेश का उल्लंघन करने वाली संतानों के वेतन से भत्ता राशि कटौती का प्रावधान है एवं माता-पिता से ली गई सम्पति भी वापस लौटाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त ऐसी संतानों को आदेश की पालना न करने के दण्ड स्वरूप पांच हजार रुपये जुर्माना अथवा 3 माह का साधारण कारावास भी दिया जा सकता है।
श्री सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि धारा 15 के अन्तर्गत अधिकरण के आदेश के विरूद्घ अपील जिला मजिस्ट्रेट को इस प्रकार गठित अपील प्राधिकरण के पीठासीन अधिकारी के रूप में तथा धारा 18 के अन्तर्गत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के समस्त जिला कल्याण अधिकारी को अनुरक्षा अधिकारी से पदाभिहित किया गया है। अधिकरण को प्राप्त आवेदन पर यथा संभव 90 दिवस में निर्णय करना होगा एवं अधिकरण के निर्णय के विरूद्घ अपील जिला कलक्टर को की जा सकेगी।
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