10 गांवों की 22 युवतियों को सिलाई मशीनें भेंट
ग्रामीण युवतियों को आजीविकोन्मुखी बनाने के लिए अलर्ट संस्थान द्वारा 30 दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण दिया गया। इसमें गोगुन्दा तथा उसके पास के 10 गांवों की 22 युवतियों ने भाग लिया।
ग्रामीण युवतियों को आजीविकोन्मुखी बनाने के लिए अलर्ट संस्थान द्वारा 30 दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण दिया गया। इसमें गोगुन्दा तथा उसके पास के 10 गांवों की 22 युवतियों ने भाग लिया।
अलर्ट संस्थान के अध्यक्ष जितेन्द्र मेहता ने बताया कि ग्रामीण युवतियां तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर आत्मनिर्भर एवं सक्षम बने इस हेतु संस्थान द्वारा कई तरह के प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं। इसी के तहत इस बार एक माह का सिलाई प्रशिक्षण शिविर चाइल्ड फंड इंडिया, टीडीएफ वाडी नाबार्ड के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
संस्थान द्वारा संचालित परियोजना के प्रबंधक बी. के. गुप्ता ने कहा कि ग्रामीण युवतियां अपनी क्षमतानुसार विभिन्न कौशल प्राप्त कर अपने परिवार के पोषण में आर्थिक संबंल बने। इस हेतु समय-समय पर ऐसे शिविर होते रहने चाहिए।
प्रशिक्षण शिविर की प्रतिभागी सुमित्रा ने कहा कि एक माह के सिलाई प्रशिक्षण में कुर्ता, पायजामा, सलवार, सूट, लेहंगा सादा व अम्बे्रला, टोपा, ब्लाउज, स्कर्ट, फ्रॉक, बैग आदि बनाना सीख कर हमस ब कमाने लायक बन गई हैं। इसके लिए अलर्ट हमारे लिए वरदान सिद्घ हुआ है। मोडवा की मन्जू ने बताया कि हमने काच, बटन, हुक लगाना, तुरपाई करना सीखा।
प्रशिक्षक रतन सोलंकी ने बताया कि इन युवतियों को मशीन चलाने से लेकर उसके विविध अंगों पुर्जों संबंधी जानकारी से भी अवगत कराया गया ताकि इन्हें छोटे-छोटे कामों के लिए दूसरे का मुख नहीं देखना पडे।
सुई बिठाना, डिब्बी लगाना, धागा ठीक करना, मशीन में तेल देना, बॉबिन भरना, नाप लेना, कैंची से कपडे काटना आदि सीख चुकी हैं। इस अवसर पर अलर्ट टीडीएफ वाडी कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षणार्थियों को सिलाई मशीनें, संबंधित कीट और प्रमाणपत्र प्रदान किये गये साथ ही विद्याभवन पॉलोटेकनिक महाविद्यालय द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन एवं सर्टिफिकेशन दिया गया। समारोह का संचालन युवा समन्वयक लक्ष्मीलाल टेलर ने किया।
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