जिसे बहन बताता रहा उसी से नाजायज़ रिश्ते को छुपाने और बदनामी के डर से शम्भू ने की थी अफ़राज़ुल की हत्या


जिसे बहन बताता रहा उसी से नाजायज़ रिश्ते को छुपाने और बदनामी के डर से शम्भू ने की थी अफ़राज़ुल की हत्या

राजसमंद के हेट किलर शंभुलाल रेगर ने 6 दिसंबर 2017 को पश्चिम बंगाल के ठेकेदार अफराजुल की हत्या राजसमंद से बंगाली मज़दूरों को भगाने के लिए उनमें खौफ पैदा करने और पूजा के साथ खुद के नाजायज रिश्तों के सबके सामने आने पर बदनामी के डर से की थी। शंभु के पूजा के नाज

 
जिसे बहन बताता रहा उसी से नाजायज़ रिश्ते को छुपाने और बदनामी के डर से शम्भू ने की थी अफ़राज़ुल की हत्या

राजसमंद के हेट किलर शंभुलाल रेगर ने 6 दिसंबर 2017 को पश्चिम बंगाल के ठेकेदार अफराजुल की हत्या राजसमंद से बंगाली मज़दूरों को भगाने के लिए उनमें खौफ पैदा करने और पूजा के साथ खुद के नाजायज रिश्तों के सबके सामने आने पर बदनामी के डर से की थी। शंभु के पूजा के नाजायज रिश्तों के बारे में अफराजुल और पश्चिम बंगाल के उसके दो दोस्त अज्जू और बल्लू शेख भी जानते थे। अड़चन बने इन लोगों को इलाके से भगाने के लिए वह अफराजुल को अपने खेत पर ले गया और गेंती से खौफनाक तरीके से ताबड़तोड़ वार कर हत्या के बाद उसकी लाश भी जला दी थी।

पुलिस ने वारदात के 36 दिन बाद शुक्रवार शाम को 413 पेज की चार्जशीट मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश कर दी है। 68 सबूतों वाली इस चार्जशीट में पुलिस ने वारदात का चश्मदीद शंभु के नाबालिग भांजे और पूजा को मुख्य गवाह बनाया है। पुलिस ने चार्जशीट में बताया कि हत्या के लाइव वीडियो के साथ ही शंभु ने वारदात से पहले और बाद में भांजे से आठ वीडियो बनवाए थे। इनमें उसने जिस लड़की का जिक्र किया था, वह पूजा ही है। पुलिस ने पूजा को मुख्य गवाह बनाया है। पूजा के बयान को चार्टशीट में शामिल किया है।

वारदात शंभु के खेत पर हुई। यहां अफराजुल की बर्बर तरीके से हत्या करने के बाद उसे जलाने तक का वीडियो शंभु ने पंद्रह साल के भांजे सेे बनाया था। शंभु ने वारदात से पहले और बाद में मिलाकर अपने भांजे से ही 8 वीडियो बनवाए थे। पुलिस ने उसके भांजे को वारदात का चश्मदीद बनाया है।

अफराजुल निर्दोष था, पर दोस्तों की वजह खुद को जान की कीमत चुकानी पड़ी

चार्जशीट में पूजा के बयानों में पुलिस ने लिखा है कि साल 2010 में पूजा बल्लू से दोस्ती होने पर उसके साथ पश्चिम बंगाल के सैयदपुर चली गई। बाद में वापस राजसमंद आई और फिर साल 2012-13 में अज्जू के साथ सैयदपुर चली गई। शंभु ने अज्जू को मारने की योजना बनाई थी, लेकिन अफराजुल मारा गया।

शंभु दो-तीन साल से बल्लू व अज्जू शेख से मोबाइल पर आए दिन हो रहे झगड़े से परेशान था। बल्लू और अज्जू शेख अक्सर अफराजुल के पास काम करने के लिए आते थे। अफराजुल, बल्लू और अज्जू पूजा के घर शराब पार्टी भी करते थे। बार-बार नंबर बदलने पर भी दोनों के पास शंभु के मोबाइल नंबर पहुंच जाते थे। इस पर शंभु को शक था कि अफराजुल उसके नंबर दोनों को उपलब्ध कराता है। अज्जू और बल्लू तो उसे मिले नहीं। इस बीच किसी भी बंगाली को मारकर वह राजसमंद से बंगालियों को भगाना चाहता है।

चार्जशीट में पुलिस ने बताया कि पूजा के बयानों के अनुसार अफराजुल, बल्लू शेख व अज्जू शेख उसके घर आते थे। 2010 में वह बल्लू शेख के साथ सैयदपुर चली गई। करीब 17 दिन बाद पूजा की मां डालीबाई, मामा अंबालाल मालदा पुलिस के साथ सैयदपुर गए और उसे राजसमंद ले आए, लेकिन बल्लू, अज्जू और अफराजुल का उसके घर पर आना-जाना लगा रहा। 2012-13 में अज्जू के साथ पूजा वापस सैयदपुर चली गई। चार साल तक वहीं रही। फिर एक दिन बल्लू के मोबाइल से उसने शंभु से बात कर वापस राजसमंद लाने की बात कही। इस पर शंभूलाल सैयदपुर गया। बल्लू के घर पर नहीं होने से शंभु रात वहीं रुका। बाद में बल्लू और अज्जू से फोन पर उसका विवाद हो गया। पूजा ने इन्हें खतरनाक बताते हुए शंभु को लौट जाने को कहा। करीब पंद्रह दिन बाद बाजार जाने के बहाने पूजा सैयदपुर से ट्रेन में बैठकर राजसमंद आ गईं।

पूजा के सैयदपुर से राजसमंद आने के बाद शंभु ने उसे हाउसिंग बोर्ड स्थित अपने मकान पर रखा। यहां पहले से आरके अस्पताल की नर्स बेदला उदयपुर निवासी ज्योति चौहान रहती थी। इस बीच करीब एक माह बाद पूजा से बल्लू व अज्जू कांकरोली बस स्टैंड पर मिले और पश्चिम बंगाल चलने को कहा। इस पर पूजा ने मना कर दिया। फिर एक दिन ज्योति अस्पताल से जल्दी घर आ गई तो उसने पूजा और शंभु को आपत्तिजनक हालत में देख लिया। इस पर ज्योति और शंभु के बीच झगड़ा भी हुआ। पूजा की मां को पता चला कि वह शंभु के साथ रह रही है तो उसने जाति पंचायत बुलाई थी। जाति पंचायत ने शंभु पर दस हजार रुपए का दंड भी लगाया था। बाद में पूजा अपनी मां के पास ही रहने लगी। करीब चार माह बाद पूजा का मां से विवाद होने पर वह कांकरोली निवासी उमर भाई के मकान में रहने लगी। दीपावली पर पूजा से मिलने शंभु उसके किराए के मकान पर गया। जहां उसने बल्लू और अज्जू के अलावा बंगालियों से खुद को खतरा होने और मार देने का डर जताया था।

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