कला आश्रम फाउण्डेशन के अन्तर्गत संचालित कला आश्रम कॉलेज ऑफ परफोर्मिंग आर्टस् में दिनांक 20 अक्टूबर को मीरा बाई जयन्ती एवं शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में कला आश्रम प्रांगण में ‘‘शरद पूर्णिमा महोत्सव’’ के रूप में अमृत बरसा। इस पावन अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के समक्ष फाउण्डेशन के मुख्य प्रबन्धक न्यासी डॉ. दिनेश खत्री एवं संरक्षक न्यासी डॉ. सरोज शर्मा ने दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पित कर किया। ‘‘शरद पूर्णिमा महोत्सव’’ एवं ‘‘मीरा बाई जयन्ती’’ कार्यक्रम में कत्थक नृत्य में ताल त्रिताल व धमार पर तोड़ा-ंउचयटुकड़ा की जुगलबंदी के साथ आज के समारोह का आगाज हुआ। अश्विन पूर्णिमा की रात्रि का महारास उस समय सभी को सरोबार कर गया जब मीरा बाई की कृतियों पर नृत्य नाटिका के भावों की पुष्टि हुई।
इस महा अमृत रात्रि की अमृत वर्षा मधुराष्टकम की प्रस्तुति के साथ हुई, जहां चारों और वातावरण सुरमई हो उठा था। 16 कलाओं से परिपूर्ण इस रात्रि में 16 मात्रा में कृष्ण माखन चोरी की प्रस्तुति भी भाव विभोर करने वाली थी। कार्यक्रम की इसी श्रृंखला में छात्रा अदा जैन, प्रिशा गांधी, आध्या गुप्ता व गितांजलीने कत्थक के भाव पक्ष की व्याख्या की। भातखण्डे संगीत विद्यापीठ लखनऊ वाले विद्यार्थियों ने कत्थक की सुगम यात्रा को जीवन की गति से सम-हजय। कला आश्रम कॉलेज ऑफ परफोर्मिंग आर्ट्स की निदेशक डॉ. सरोज शर्मा द्वारा छात्र-ंउचयछात्राओं को शरद पूर्णिमा मनाने के विषय में विस्तार से बताया।
डॉ. शर्मा ने बताया कि शरद पूर्णिमा व्यक्ति के मन और मस्तिष्क को आध्यात्मिकता की ओर ले जाती है। पूरे साल में केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणें से अमृत बरसता है तथा इसी दिन खीर बनाकर रात भर चांदनी में रखने का विधान है। कार्यक्रम में मधुरम खत्री ने तकनीकी सहयोग दिया।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal