शिल्पग्राम उत्सव-2016 – रंगमंच पर झूम कर नाचे संबलपुरी और सिद्दि गोमा
शिल्पग्राम उत्सव का समापन शुक्रवार को होगा उत्सव के नवें दिन रंगमंच पर जहां लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां देखने हजारों लोग मौजू थे जहां ऑडीशा के संबलपुरी नृत्य तथा गुजरात के सिद्दि कलाकारों ने अपनी झनझनाती प्रस्तुतियों से दर्शकों को आल्हादित कर दिया। वहीं हाट बाजार में कलात्मक वस्तुओं के खरीददारों की भीड़ में नवे दिन इजाफा देखने को मिला।
‘कावड़ी कड़गम नृत्य’ at Shilpgram Utsav-2016
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव का समापन शुक्रवार को होगा उत्सव के नवें दिन रंगमंच पर जहां लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां देखने हजारों लोग मौजू थे जहां ऑडीशा के संबलपुरी नृत्य तथा गुजरात के सिद्दि कलाकारों ने अपनी झनझनाती प्रस्तुतियों से दर्शकों को आल्हादित कर दिया। वहीं हाट बाजार में कलात्मक वस्तुओं के खरीददारों की भीड़ में नवे दिन इजाफा देखने को मिला।

कला और शिल्प के प्रोत्साहन के ध्येय से आयोजित इस उत्सव में गुरूवार को हाट बाजार अपने पूरे यौवन पर था। आखिरी दो दिन के चलते शिल्पग्राम के द्वार खुलते ही शिल्प उत्पादों के खरीद करने वाले लोग हाट बाजार में चले गये। दोपहर में हाट बाजार का आलम यह था कि कमोबेश सभी बाजार लोगों की चहल कदमी और पदचापों से आच्छादित रहे। उत्कृष्ट, अलकार, वस्त्र संसार, मृण कुंज, काष्ठ शिल्प, धातु धाम, जूट शिल्प, दर्पण बाजार आदि सभी हाट बाजार में लोगों की रेलमपेल रही। शाम ढलने के साथ साथ शिल्पग्राम में आगंतुकों की संख्या में निरन्तर अभिवृद्धि देखी गई तथा हाट बाजार के साथ साथ रंगमंच की दर्शक दीर्घा सांध्यकालीन कार्यक्रम शरू होने से पहले ही भर गई।
Siddhi Dance at Shilpgram Utsav-2016
हाट बाजार से शहर वासियों व सैलानियों ने जम कर खरीददारी की इनमें मणिपुरी शॉल, कच्छी शॉल, आभूषण, विभिन्न प्रकार के परिधान, गृह सज्जा के लिये वूलन कारपेट, बिछोना, कुशन व कुशन कवर, चददरें, असम के आर्टिफिशियल फ्लॉवर्स, तीर कमान, ढाल तलवार, पीतल की मूर्तियों, पत्थर व मिट्टी की कला कृतियां, लकड़ी के डेकोरेटिव्स, कलात्मक व रंगबिरगे पॉट्स आदि की खूब बिक्री हुई। शिल्पग्राम के हाट बाजार से बाहर निकलने वाले हर आगंतुक के पास कोई न कोई कलात्मक वस्तुएं नजर आई। हाट बाजार में ही बहुरूपिया कलाकारों ने जहां अपनी कला का प्रदर्शन कर दर्शकों का मानेरंजन किया। इसके अलावा विभिन्न थड़ों व मंचों पर लोक कलाओं का प्रदर्शन दर्शकों के लिये रूचिकर रहा।
Sambalpuri folk dance at Shilpgram Utsav-2016
शाम ढलने के साथ रंगमंच रोशन हुआ तो तमिलनाडु के कलाकारों ने कावड़ी कड़गम नृत्य से दर्शकों का अभिवादन किया व अपनी करतबों से भरी प्रस्तुति से दिल जीता। इसके बाद गुजरात के राठवा आदिवासियों ने अपनी कला दिखाई। इस अवसर पर महाराष्ट्र का लावणी मोहक प्रस्तुति बन सकी वहीं गजरात से आये अफ्रीकी मूल के सिद्दि कलाकारों ने बाबा गोर के उर्स के मौके पर की जाने वाली धमाल में अपने करिश्माई नृत्य से दर्शकों को अभिभूत कर दिया प्रस्तुति में लोक वाद्यों की लय पर थिरकते तथा विभिन्न प्रकार की भाव भंगिमाओं का प्रदर्शन करते हुए दर्शकों को लुभाया। नृत्य में स्लो मोशन एक्शन के अलावा कलाकारों द्वारा चेहरे बिगाड़ कर दर्शकों रिझाना कला रसिकों को खूब रास आया। प्रस्तुति के आखिर में वाद्यों की तीव्र लयकारी पर सिद्दि कलाकारों ने सिर से नारियल फोड़ने का करिश्मा दिखाया तो दर्शक झूम उठें। कार्यक्रम में उमर फारूख ने भपंग के साथ हास्य व मनोरंजन से भरपूर कड़े सुना कर दर्शकों को हंसाया। इस अवसर पर ही मणिपुर के कलाकारों ने पुंग चोलम नृत्य में होली की प्रस्तुति दी। सहरिया कलाकारों का स्वांग दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया। कार्यक्रम में गोवा का घोड़े मोडनी नृत्य सुंदर पेशकश रहा तो गोटीपुवा नर्तकों के करतब दर्शकों को भरपूर रास आये।
shilpgram-utsav-2016
shilpgram-utsav-2016
दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव का समापन शुक्रवार को होगा इस अवसर पर दिन भर जहां हाट बाजार लगेगा व विभिन्न चौपालों पर लोक कलाकारों द्वारा कला प्रदर्शन किया जायेगा। वहीं शाम को मुकताकाशी रंगमंच पर लोक कला प्रस्तुतियां होंगी।
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