शिल्पग्राम उत्सव: समापन पूर्व शिल्प उत्पादों के खरीददारों का तांता
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय ‘‘शिल्पग्राम उत्सव’’ में हाट बाजार नवें दिन अपने चरम पर था तथा समापन से पहले या फिर शिल्पकारों के लौटने से पहले कलात्मक शिल्प वस्तुओं को ले जाने की चाह में शिल्पग्राम में भारी तादाद में लोग पहुंचे तथा हाट बाजार में आशातीत भीड़ देखी गई। दस दिवसीय उत्सव का समापन शनिवार को होगा।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय ‘‘शिल्पग्राम उत्सव’’ में हाट बाजार नवें दिन अपने चरम पर था तथा समापन से पहले या फिर शिल्पकारों के लौटने से पहले कलात्मक शिल्प वस्तुओं को ले जाने की चाह में शिल्पग्राम में भारी तादाद में लोग पहुंचे तथा हाट बाजार में आशातीत भीड़ देखी गई। दस दिवसीय उत्सव का समापन शनिवार को होगा।
शुक्रवार को उत्सव की गतिविधियां प्रारम्भ होते ही शहर तथा आस-पास के गांवों व जिलों से लोग शिल्पग्राम पहुंचना प्रारम्भ हुए तथा हाट बाजार में यत्र-तत्र खरीददारी में लग गये। दोपहर में वस्त्र संसार की कमोबेश सभी दूकानों पर लोगों का रेला सा रहा। हर दुकान पर लोग वस्त्रों को पसंद करते व खरीदते नजर आये। वस्त्र संसार में विभन्न टेक्शचर की साडि़याँ, पटोला साड़ी, टसर सिल्क साड़ी, कॉटन की साडि़यां, बेडशीट्स, कुर्ता पयाजामा, जेकट्स, ड्राइंग रूम की सजावट के कलात्मक कुशन कवर, बेड स्प्रेड, गुदड़ी, दरियां आदि के स्टॉल्स पर लोगों ने जम कर खरीददारी की।
हाट बाजार के ही जूट संसार में जूट की बनी जूतियाँ, बैग्स, गृह सज्जा की लटकने, यहीं पर लेदर बेग्स, कोल्हापुरी चप्पलें व चप्पलों के की रिंग्स, विविधा में मणिपुरी पॉट्स, खुर्जा पॉटरी, कच्छी शॉल, बाड़मेरी पट्टू, सीप शिल्प, नारियल शिल्प, धातुधाम में मेटल के फूलदान, कलात्मक बोतलेें, तश्तरियां आदि की खासी सेल हुई।
विकास आयुक्त हस्त शिल्प द्वारा संचालित गांधी शिल्प बाजार में शाम को लोगों की काफी भीड़ रही तथा खरीददारी का दौर दिन भर जारी रहा। यहां कलात्मक पॉट्स, मोलेला की कला कृतियां, काष्ठ निर्मित उत्पाद, विभिन्न प्रकार के परिधान,शॉल्स, रजाई इत्यादि की दुकानो पर लोग खरीद-फरोख्त करते नजर आये। लोगों में शिल्पग्राम के प्रति इतना क्रेज़ देखा गया कि कई लोग दूसरी तीसरी बार आये और अपने साथ वालों को हाट बाजार में खरीददारी करवाई। शाम को हाट बाजार का आलम ये था कि ज्यादातर बाजार में जहां भीड़ देखी गई वहीं शिल्पग्राम से लौट कर जाने वाले लोगों के हाथों में शिल्प उत्पाद देखे गये।
मेले में आये लोगों ने यहां न केवल खरीददारी की बल्कि अमरीकन भुट्टे, गर्मा गरम जलेबा, दूध फीणी, दाल बाटी चूरमा, मक्का की राब, पकौड़े, कचौरी, आलू टिक्की, गोल गप्पे आदि के चटखारे लिये। संगम सभागार में प्रदर्शनी देखने आये बच्चों ने पेन्टिंग्स पर हाथ आजमाये तो बाल संसार में कैलीग्राफी सीखने के साथ-साथ जादू कला के गुर भी सीखे।
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