शिल्पग्राम उत्सव-2016 – हाट बाजार की रंगत और कश्मीर, असम के कलाकारों का मोहक नृत्य


शिल्पग्राम उत्सव-2016 – हाट बाजार की रंगत और कश्मीर, असम के कलाकारों का मोहक नृत्य

शिल्पग्राम उत्सव में एक ओर जहां हाट बाजार में लोक कलाओं की रूण झुण दिन भर चलती है वहीं शाम ढलते ही कला प्रेमी मुक्ताकाशी रंगमंच ‘‘कलांगन की ओर खिंचे चले आते हैं। यहां शुक्रवार शाम जम्मू कश्मीर के रौफ नृत्य तथा असम का ढाल ठुंगड़ी नृत्य प्रमुख आकर्षण रहा।

 
शिल्पग्राम उत्सव-2016 – हाट बाजार की रंगत और कश्मीर, असम के कलाकारों का मोहक नृत्य

Kashmiri Folk at Shilpgram Utsav-2016

शिल्प कला व लोक कला के प्रोत्साहन तथा ग्रामीण अंचल में कलात्मक वस्तुओं को बनाने वाले शिल्पकारों को अपने उत्पाद बेंचने के लिये बाजार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से आयोजित ‘‘शिल्पग्राम उत्सव’’ में शुक्रवार को हाट बाजार ने रंगत पकड़ी तथा दिन भर मेले में खरीददारी का सिलसिला चला तथा लोगों ने विभिन्न वस्तओं की खरीददारी की।

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र तथा विकास आयुक्त हस्त शिल्प नई दिल्ली, विकास आयुक्त हथकरघा नई दिल्ली, नेशनल जूट बोर्ड के सौजन्य से सजे हाट बाजार में मेला प्रारम्भ होने से लोगों का आवागमन शुरू हुआ जो देर शाम तक जारी रहा शाम को हाट बाजार में लोगों की खासी चहल पहल रही। हाट बाजार में किसी ने वस्त्र संसार में खरीददारी की तो किसी ने मृण कुंज में। महिलाये अलंकार में आभूषण परखती व ट्रायल लेती नजर आई तो पुरूषों की निगाहें वूलन परिधान टटोलने व पहन कर परखने में व्यस्त नजर आई। हाट बाजार में ही लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। इनमें भुजोड़ी झोंपड़ी के बने मंच पर कोटड़ा के कथौड़ी जनजाति के कलाकारों की प्रस्तुतियों को दर्शकों ने रूचि से देखा। इनमें एक कलाकार द्वारा थाली वादन लोगों के लिये नया आकर्षण रहा। हाट बाजार में ही मशक वादकों ने अपने वादन से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। इसके अलावा बहुरूपिया कलाकारों ने आगंतुकों का मनोरंजन किया व उनके साथ फोटो खिंचवाये। हाट बाजार में ही लोगों ने पारंपरिक व्यंजनों में मक्का की रोटी, दाल ढोकले, भुट्टे आदि का आनन्द उठाया। शिल्पग्राम परिसर में ही मेलार्थियों व सैलानियों ने उंट की सवारी का आनन्द उठाया।

शिल्पग्राम उत्सव-2016 – हाट बाजार की रंगत और कश्मीर, असम के कलाकारों का मोहक नृत्य

North east Folk Dance at Shilpgram Utsav-2016

शिल्पग्राम उत्सव में हरियाणा से आये कलाकार लोगों के विशेष आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। शिल्पग्राम के प्रवेश द्वार के समीप बने आंगन मंच पर हरियाणा से आये ‘‘बीन बैण्ड’’ लोगों को काफी रास आ रहा है तथा इनके साथ लोग भी थिरकने लगते हैं।

हरियाणा के पलवल जिले के रजोलका गांव से आये इस दल के नायक रामबीर नाथ सोढ़ा ने बताया कि उनके गुरू कानियानाथ ने सालों पहले बीन वादन की परंपरा शुरू की जिसे वे लोग आज भी निभा रहे हैं। पन्द्रह सदस्यीय कलाकारों वाले दल के लोगों के पास बीन, भपंग जिसे तुम्बा भी कहते हैं की लयकारी पर हरियाणवी, राजस्थानी गीत सुरीले अंदाज में बजाते हैं तथा लयकारी इतनी दमदार कि लोगों के कदम खुद बखुद थिरकने लगते हैं। रामबीर ने बताया कि ऐसी किवदंती है कि उनके गुरू जब गांव गांव जा कर बीन बजाते थे तो उसकी ध्वनि से लोगों के रोग दूर हो जाते थे। उन्होंने बताया कि उनके दल ने दुबई फेस्टीवल के अलावा अन्य कई देशों में भी प्रस्तुतियां दी हैं।

शिल्पग्राम उत्सव-2016 – हाट बाजार की रंगत और कश्मीर, असम के कलाकारों का मोहक नृत्य

Goan Folk dance ‘Dekhni’ at Shilpgram Utsav-2016

शिल्पग्राम उत्सव के तीसरे दिन बंजारा रंगमंच पर आयोजित सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी में लोगों विशेषकर युवाओं की अभिरूचि में अभिवृद्धि देखी गई तथा लोगों ने कला और संस्कृति पर आधारित प्रश्नों के जवाब तुरत फुरत में दे कर अपने सामान्य ज्ञान का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

इस मंच पर न केवल उदयपुर शहर बल्कि उदयपुर में बाहर से आये पर्यटक भी हिस्सा ले रहे हैं। शुक्रवार को गोरखपुर उततर प्रदेश के पवन चतुर्वेदी, फतहनगर के उदयलाल जाट, डूंगरपुर के जलज कलाल व धनराज प्रजापत जोधपुर के बी.एल. माथुर, उदयपुर के चंचल नरूका, श्री गंगानगर की दमयन्ती, चंडीगढ़ की पुष्पा गुप्ता, कुचमण सिटी के मदन मेघवाल तथा उदयपुर के श्रीनिवास अय्यर विजेता रहे जिन्हें प्रमाणपत्र व पुरस्कार दिया गया।

शिल्पग्राम उत्सव-2016 – हाट बाजार की रंगत और कश्मीर, असम के कलाकारों का मोहक नृत्य

Folk Dance at Shilpgram Utsav-2016

कलांगन पर रौफ, ढाल ठुंगड़ी ने रंग जमाया, भपंग ने गुदगुदाया

शिल्पग्राम उत्सव में एक ओर जहां हाट बाजार में लोक कलाओं की रूण झुण दिन भर चलती है वहीं शाम ढलते ही कला प्रेमी मुक्ताकाशी रंगमंच ‘‘कलांगन की ओर खिंचे चले आते हैं। यहां शुक्रवार शाम जम्मू कश्मीर के रौफ नृत्य तथा असम का ढाल ठुंगड़ी नृत्य प्रमुख आकर्षण रहा।

शिल्पग्राम उत्सव-2016 – हाट बाजार की रंगत और कश्मीर, असम के कलाकारों का मोहक नृत्य

Folk Dance at Shilpgram Utsav-2016

रंगमंचीय कार्यक्रम की शुरूआत पश्चिम बंगाल के खोल वादन से हुई जिसने प्रारम्भ से ही दर्शकों में एक अनूठे जोश का संचरण किया। इसके बाद लंगा लोक गायकों ने अपने गायन में मुर्कियों तथा लटके झटकों से दर्शकों का रिझाया। इस अवसर पर असम का ढाल ठुंगड़ी नृत्य मोहक प्रस्तुति रही। असम से आई कला नेत्रियों ने हाथ में डाल और तलवार ले कर मोहक नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में गोवा का देखणी नृत्य दर्शकों के लिये मोहक व रोचक प्रस्तुति रहा जिसमें महिलाएं नाविक से दरिया पार करवाने का अनुरोध करते हुए उसे तरह-तरह के प्रलोभन देती हैं और आखिर में वह मान जाता है। इस प्रस्तुति में गीत की धुन ने दर्शकों को बॉबी फिल्म के गीत की याद ताजा करवा दी। रंगमंच पर ही भपंग वादकों ने अपनी शेरो शायरी से दर्शकों की वाहवाही लूटी तथा पांडुण का कड़ा पेश करने के साथ रोचक प्रस्तुति से दर्शकों का गुदगुदाया। इस अवसर पर जम्मू कश्मीर के रौफ नृत्य ने वादियों के सौन्दर्य को अपने नृत्य के माध्यम से सुंदर अंदाज में दिखाया। प्रस्तुति में कश्मीरी सुंदरियों ने एक पंक्ति में खड़े हो कर अपने साथी कलाकारों के साथ उत्सव व मौसम की खुशियां जाहिर की।

शिल्पग्राम उत्सव-2016 – हाट बाजार की रंगत और कश्मीर, असम के कलाकारों का मोहक नृत्य

Folk Dance at Shilpgram Utsav-2016

रंगमंचीय कार्यक्रम में ही उत्तर प्रदेश का फरूहाई नृत्य, छत्तीसगढ़ का पंथी, त्रिपुरा का ममीता, गुजरात का तलवार रास जहां रोचक व मनोहारी प्रस्तुति रहे वहीं नटुवा ने अपनी दस्तक से दर्शकों का दिल जीत लिया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags