पंचायतों में दूर हो कर्मचारियों की कमी
ग्राम पंचायतों में कर्मचारियों की कमी के कारण उनका सुचारू संचालन नहीं हो पा रहा है। कुछ नवगठित ग्राम पंचायतों में तो विधिवत कामकाज शुरू भी नहीं हुआ है।
ग्राम पंचायतों में कर्मचारियों की कमी के कारण उनका सुचारू संचालन नहीं हो पा रहा है। कुछ नवगठित ग्राम पंचायतों में तो विधिवत कामकाज शुरू भी नहीं हुआ है।
विद्या भवन स्थानीय स्वशासन एवं उत्तरदायी नागरिकता संस्थान की ओर से यहाँ गिर्वा पंचायत समिति सभागार में आयोजित 205वें पंचायत मेले में गिर्वा पंचायत समिति के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने पंचायतों के संचालन के बारे में ऐसे ही कई मुद्दे रखे।
खुली चर्चा में पंच-सरपंचों ने बताया कि सचिव नियमित नहीं आते व पंचायत बैठक की कार्यवाही लिखते समय पेज या जगह छोड़ देते हैं, ग्राम सभा की सूचना नहीं देते बल्कि पंचायत बैठक में ही ग्राम सभा के हस्ताक्षर लेते हैं, राशन की दुकानें समय पर नहीं खुलती, पाईप कम पड़ने से पानी के लिए पाईपलाईन का काम रुक गया है, जीवित प्रमाण पत्र देने के बावजूद पेन्शन बन्द हो गई तथा महिलाओं के लिए योजनाओं के बारे में प्रसार होना चाहिए।
चर्चा में बेड़वास की वार्ड पंच आशा सोलंकी व कन्हैयालाल, नाई की पंच सुन्दर देवी, उमरड़ा के पंच नन्दकिशोर, पंचायत समिति सदस्य रंजना कुँवर आदि ने भाग लिया।
प्रधान तख़्तसिंह शक्तावत ने कहा कि जनप्रतिनिधि दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर काम करें। उन्होंने बताया कि स्थानीय राजनेताओं से लेकर राज्य स्तर के नेताओं तक के दबाव को दरकिनार कर वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर लगे शिक्षकों को क्षेत्र में भेजा है। जनप्रतिनिधियों को ग्राम स्तरीय संस्थाओं का नियमित अवलोकन करना चाहिए।
विकास अधिकारी अजय कुमार आर्य ने वार्ड सभा और ग्राम सभा के ज़रिए ज़मीनी स्तर से प्रस्ताव तैयार करने का आग्रह किया। ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी के.एन. कोठारी ने मिड-डे मील एवं शिक्षा विभाग की योजनाओं की जानकारी दी। ए.ईएन. आशीष धाकड़ ने महानरेगा में रोज़गार, नपती व भुगतान तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा निगरानी के अधिकार बताए।
मेले के तहत महिला सम्मेलन की अध्यक्षता उप प्रधान प्रियंका जैन ने की और पंचायतों के संचालन में महिला जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
इससे पूर्व जनप्रतिनिधियों ने संस्थान की त्रैमासिक पत्रिकाओं ’पंचायत परिवार’ व ’महिला शक्ति’ में दी गई जानकारियों तथा जनप्रतिनिधियों की प्रेरणादायी केस-स्टडी पर चर्चा की।
प्रारम्भ में संकाय सदस्य खेमराज शर्मा ने संस्थान की जानकारी दी। मेले का संचालन देवेन्द्र सिंह देवड़ा व महिला सम्मेलन का संचालन डॉ. स्मिता श्रीमाली ने किया।
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