कड़कड़ाती ठण्ड के बीच पिछोला झील में श्रमदान


कड़कड़ाती ठण्ड के बीच पिछोला झील में श्रमदान

कड़कड़ाती ठण्ड के बीच रविवार की प्रातः चांदपोल नागरिक समिति ,झील संरक्षण समिति व् डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा पिछोला झील के बारीघाट व हनुमान घाट के सामने श्रमदान का आयोजन कर झ

 

कड़कड़ाती ठण्ड के बीच पिछोला झील में श्रमदान

कड़कड़ाती ठण्ड के बीच रविवार की प्रातः चांदपोल नागरिक समिति ,झील संरक्षण समिति व् डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा पिछोला झील के बारीघाट व हनुमान घाट के सामने श्रमदान का आयोजन कर झील क्षैत्र से पुराने जूतो से भरे बोरे ,मांस व हड्डियों से भरे पोलिथिन के थेले,शराब की खाली बोतले ,धार्मिक सामग्री व तस्वीरें ,नारियल व जलीय खरपतवार निकाली गयी।

श्रमदान में रमेश चन्द्र राजपूत,रामलाल गहलोत,अम्बालाल नकवाल ,बी एल पालीवाल,बंटी कुमावत,राजू हेला,अजय सोनी,पुरुषोत्तम पालीवाल,मानक कुमावत,कुलदीपक पालीवाल,तेज शंकर पालीवाल, अनिल मेहता,नन्द किशोर शर्मा सहित कई नागरिको ने भाग लिया।

श्रमदान पश्चात हुए संवाद में झील प्रेमियो ने प्रशासन से आग्रह किया कि बर्ड फेयर में आये विशेषज्ञों की मोटर बोट मुक्त पक्षी झील क्षेत्र रखने के सुझाव पर तुरंत अमल प्रारम्भ करे। इंसानी हस्तक्षेप से पक्षी झीलों से विमुख हो रहे है अथवा मारे जा रहे है इसे समय रहते रोक लेना चाहिए ।

अनिल मेहता व तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि मोटर बोट , स्पीड बोट ,स्पीड स्कूटर से पक्षियों के साथ साथ जलीय जीवो पर भी दुष्प्रभाव पड़  रहा है  जिससे पानी खराबी का भी अंदेशा बना हुआ है  स्मरण रहे झीले शहर की  पेयजल स्त्रोत है।

नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि झील क्षेत्र में रात्रिकालीन शोर शराबा , पटाखे, अत्यधिक रौशनी व मानवीय हस्तक्षेप  परिंदो को विमुख कर रहा है।

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