पिछोला झील में श्रमदान
रविवारीय श्रमदान के तहत झील प्रेमियों ने पिछोला झील चांदपोल क्षेत्र में झील से घरेलू कचरा, प्लास्टिक, पॉलीथिन, मृत पक्षी, मछलियां, चूहे व भारी मात
रविवारीय श्रमदान के तहत झील प्रेमियों ने पिछोला झील चांदपोल क्षेत्र में झील से घरेलू कचरा, प्लास्टिक, पॉलीथिन, मृत पक्षी, मछलियां, चूहे व भारी मात्रा में जलीय खरपतवार निकाली। श्रमदान में रमेश चन्द्र राजपूत, दिगम्बर सिंह, दुर्गा शंकर पुरोहित, मोहम्मद सलीम, डॉ अनिल मेहता, तेज शंकर पालीवाल व नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।
इस अवसर पर झील संरक्षण के सह सचिव व जल विज्ञानी डॉ अनिल मेहता ने उदयसागर झील सहित उदयपुर व राजस्थान की मूल सीमा अधिकतम भराव तल पर ही रखने की मांग को दोहराया। मेहता ने कहा कि भूमाफिया के दबाव में पूरे राजस्थान में झीलो को षड्यंत्र पूर्वक छोटा कर जमीने बाहर निकाली जा रही है। इन जमीनों पर मानवीय व्यावसायिक गतिविधियां झील पर्यावरण के लिए जहरीली साबित होगी।
झील प्राधिकरण के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि नदी में जिस तरह मिट्टी बह कर आ रही है वह साबित कर रही है कि झीलो के जलग्रहण क्षेत्र में एन एल सी पी के तहत खाना पूर्ति के ही कार्य हुए है। मिट्टी का कटाव रोकना जरूरी है ताकि सिल्ट गाद से झील की भराव क्षमता कम नही हो।
गांधी मानव सोसायटी के निदेशक व समाज विज्ञानी नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि नदी में आ रही गाद व खेतों से धुल कर आ रही कीटनाशक दवाइयों की मात्रा का निरंतर आंकलन जरूरी है । कीटनाशक पेयजल झीलों में नही पंहुचने चाहिए।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal